दिल्ली में BJP की जीत के पीछे RSS का बड़ा हाथ? जानें किस रणनीति पर किया था काम

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Delhi Assembly Election 2025, Delhi Election Result, BJP, RSS Image Source : PTI सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में RSS ने कई छोटी-छोटी बैठकें आयोजित की थीं।

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है। लोकसभा चुनावों में मिले झटके के बाद बीजेपी का प्रदर्शन विधानसभा चुनावों में जबरदस्त रहा है। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी कि RSS की भूमिका को लेकर बहुत बातें हुई थीं। इसी तरह दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी की बड़ी जीत में RSS का अहम योगदान माना जा रहा है। संघ के सूत्रों ने कहा कि इन चुनावों के दौरान RSS ने मतदाताओं को दिल्ली की तरक्की की खातिर एक ‘प्रभावी और जवाबदेह’ सरकार चुनने के लिए जागरूक करने का हर संभव प्रयास किया, जिससे चुनावों में BJP को शानदार जीत हासिल करने में मदद मिली।

‘दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हजारों बैठकें हुईं’

राजनीतिक दलों के जोर-शोर से किए गए चुनाव प्रचार के बीच संघ के स्वयंसेवकों ने खामोशी से ‘मतदाता जागरूकता’ अभियान चलाया, जिसके तहत दिल्ली में ‘हजारों बैठकें’ की गईं। इन छोटी-छोटी मीटिंग्स में स्वच्छता की कमी, पीने के पानी की सप्लाई और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ एयर पलूशन और यमुना नदी की सफाई जैसे बेहद जरूरी मुद्दों पर चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि ऐसी बैठकों में RSS ने AAP के भ्रष्टाचार तथा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा 10 साल के शासन के दौरान किए गए कई वादों को पूरा नहीं करने के मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि इन बैठकों में दिल्ली में आकर बसे अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

‘सिर्फ द्वारका सीट पर ही 500 से ज्यादा मीटिंग्स हुईं’

RSS के एक सूत्र ने कहा, ‘अकेले द्वारका में कम से कम 500 ‘ड्राइंग रूम’ यानी कि छोटी-छोटी बैठकें की गईं। ऐसी मीटिंग्स में संघ के स्वयंसेवक केवल लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर प्रकाश डालते हैं और उन पर चर्चा करते हैं। वे उनसे किसी विशेष पार्टी को वोट देने के लिए नहीं कहते। लोगों को सिर्फ मुद्दों के बारे में जागरूक किया जाता है और एक प्रभावी एवं जवाबदेह सरकार चुनने के लिए वोट देने को प्रेरित किया जाता है।’ सूत्रों के मुताबिक, संघ के स्वयंसेवकों ने चुनाव से एक महीने पहले ही अपना कैंपेन शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि उन झुग्गी-झोपड़ियों और अनधिकृत मोहल्लों में भी कई छोटी-छोटी मीटिंग्स हुईं जहां AAP काफी मजबूत थी।

ऐसे मतदाता संपर्क अभियान चलाता रहता है संघ

सूत्रों ने बताया कि RSS के कार्यकर्ताओं ने जागरूकता फैलाने के लिए इन इलाकों में समान विचारधारा वाले लोगों और संगठनों के साथ भी हाथ मिलाया। बीजेपी के वैचारिक स्रोत के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ऐसे मतदाता संपर्क अभियान चलाने के लिए जाना जाता है। 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन के बाद संघ ने हरियाणा और महाराष्ट्र पर खासतौर पर फोकस करते हुए इस तरह के कैंपेन शुरू किए। इन दोनों राज्यों में बीजेपी ने हाल के महीनों में भारी जीत के साथ सत्ता बरकरार रखी है।

दिल्ली में खत्म हुआ बीजेपी का 27 साल का ‘वनवास’

दिल्ली में भी बीजेपीने RSS के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर कैंपेन चलाया। सूत्रों ने जोर देकर कहा कि RSS श्रेय पाने के लिए काम नहीं करता और वह पर्दे के पीछे से काम करने में यकीन करता है। दिल्ली की 70 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी 48 सीटों पर जीत तर्ज कर चुकी है और इस तरह करीब 27 सालों के बाद यहां सत्ता में वापसी करने जा रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है और वह मात्र 22 सीटों पर सिमट गई है। कांग्रेस का दिल्ली में लगातार तीसरी बार खाता भी नहीं खुल पाया है। (भाषा)

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