नई दिल्ली:
दिल्ली में प्रदूषण संकट को नियंत्रित करने के लिए लागू GRAP-IV के सख्त नियमों का असर दिल्ली के बड़े बाजारों से लेकर लोकल मार्केट तक दिख रहा है. प्रदूषण के कारण बिजनेस और व्यापार प्रभावित है. इसकी वजह से दिल्ली में व्यापार 25% से ज्यादा घटने की आशंका है.
एनडीटीवी ने बुधवार और गुरुवार को सेंट्रल दिल्ली से लेकर पुरानी दिल्ली के बाजारों के सैकड़ों व्यापारियों से बात करने से पता चला कि सेंट्रल दिल्ली के खान मार्केट से लेकर जामा मस्जिद के मीना बाजार तक प्रदूषण और GRAP-IV लागू होने का असर हर तरफ दिखाई दे रहा है. इन दोनों बाजारों में व्यापारियों का कारोबार 50 से 60 फीसदी तक घट गया है.
खान मार्किट ट्रेडर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रिज गोपाल खोसला ने एनडीटीवी से कहा, "GRAP-IV दिल्ली-NCR में लागू होने की वजह से खान मार्केट में आम ग्राहकों की संख्या 40% से 50% तक पिछले कुछ दिनों में घट गई है. लोग बाजारों में काम आ रहे हैं. इसकी वजह से हमारे बिजनेस पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है. खान मार्केट में हर तरह का बिजनेस प्रभावित हुआ है. गारमेंट से लेकर रेस्टोरेंट बिजनेस तक. GRAP-IV की वजह से जो थोक विक्रेता है, उनका बिजनेस सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. आगे चलकर इसका असर रिटेल व्यापार पर भी बढ़ता जाएगा".
यही शिकायत दुकानदारों की जामा मस्जिद के मीणा बाजार में भी सुनाई देती है. हनीफ यहां बैग और ट्राली बेचते हैं. हनीफ कहते हैं, "बिजनेस काफी नीचे गिर गया है. ग्राहक बहुत काम आ रहे हैं, माल नहीं बिक पा रहा है. 40% से 50% तक बिजनेस गिर गया है. मार्केट में हर तरह का बिजनेस प्रभावित हुआ है."
करोल बाग के मशहूर गफ्फार मार्केट में मोबाइल एसेसरीज बेचने वाले दुकान सबसे ज्यादा परेशान है. दूकानदार राजेश कहते हैं, 'पहले के मुकाबले पिछले 8-10 दिन में सिर्फ 20% बिजनेस बचा है, क्योंकि ग्राहक नहीं आ रहे हैं."
हालांकि, इस दौरान प्रदूषण संकट की वजह से एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी है और बिक्री भी. करोल बाग मार्किट में वाणी इंटरप्राइजेज के मालिक विपिन कुमार कहते हैं, "पिछले 10 दिनों में Air Purifiers के खरीदारों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, इनकी बिक्री में काफी इजाफा हुआ है. गफ्फार मार्केट में Air Purifier 5000 से लेकर ₹30000 तक बिक रहे हैं. सरकार से गुजारिश है कि वह एयर प्यूरीफायर पर लगने वाले टैक्स और उसके प्रोडक्शन कॉस्ट को कम करने के लिए जल्दी पहल करें, जिससे कि एयर प्यूरीफायर को अफॉर्डेबल बनाया जा सके और ज्यादा से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल कर सकें".
अगर प्रदूषण का संकट लंबा चलता है तो व्यापारी संगठनों को डर है कि नुक्सान और बढ़ेगा. कनफेडरेशन का ऑल इंडिया ट्रेडर्स के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने एनडीटीवी से कहा, "Delhi-NCR में GRAP-IV लागू होने की वजह से दिल्ली में स्थानीय व्यापार 20% से 25% तक घट गया है. मैं कंज़र्वेटिव आंकड़े आपके सामने रख रहा हूं, संभव है कि नुकसान और ज्यादा हो रहा है. दिल्ली में डीजल ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगने की वजह से व्यापारियों के पास कच्चा माल नहीं पहुंच पा रहा है और तैयार माल बाजारों तक नहीं पहुंच पा रहा है. हमारी मांग है कि GRAP-IV लागू होने के दौरान सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए की दिल्ली के व्यापारियों को ज्यादा नुकसान ना हो."