उज्जैन. हिंदू धर्म में दिवाली को ‘दीपों की रोशनी’ का पर्व माना जाता है. पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी पृथ्वीलोक पर भ्रमण करने के लिए आती हैं और अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनपर अपनी असीम कृपा बरसाती हैं.
शास्त्रों के अनुसार जिस घर में साफ-सफाई होती है, मां लक्ष्मी वहीं वास करती हैं. इसलिए दिवाली के पहले बहुत से लोग घर में नई वस्तु लाते हैं. लेकिन कुछ चीजें हैं जिन्हें भूल से भी नहीं लाना चाहिए. आइए जानते हैं उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से…
भूल से भी घर न लाएं ये चीजें…
– बहुत से लोग घर में दिवाली के पहले वस्तु लाते हैं, लेकिन दिवाली के दिन घर में टूटी हुई चीजें, जैसे बर्तन, फर्नीचर या सजावटी सामान, नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनता है. इन्हें बेकार में घर में नहीं रखना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.
– दीवाली का पर्व बहुत बड़ा पर्व माना जाता है. इसलिए घर में कभी भी नकारात्मकता को दर्शाने वाली तस्वीरों को नहीं लगाना चाहिए, जैसे युद्ध, संघर्ष या उदासी की तस्वीरें. इन्हें हटाकर घर में सकारात्मक और प्रेरणादायक चित्रों को लगाना चाहिए.
– धारदार और नुकीली चीजें लाने की भूल बिल्कुल भी न करें. धारदार चीजें जैसे-कैंची, चाकू लोहा आदि. कहते हैं कि इन्हें दिवाली के दिन घर लाने से नकारात्मकता बढ़ती है, जिससे घर में अशांति रहने लगती है. इसका असर आपके घर की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ सकती है.
– बहुत से लोग दिवाली पर घर को सजाने के लिए काले रंग के परदे या झालर लगा देते हैं. बता दें कि काला रंग नकारात्मका का प्रतीक माना जाता है. इसलिए दिवाली के दिन काले रंग की कोई वस्तु अपने घर पर न लाएं. काले रंग के कपड़े की खरीददारी करने से भी बचें.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 10:14 IST
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