देशी दीया 2 रुपए का तो चाइनीज 5 का एक बिक रहा है.
अनुराग पाण्डेय/भोपाल: राजधानी भोपाल के बाजारों में करवा चौथ से पहले एक बार फिर से रौनक लौट आई है. बाजार सज चुके हैं और लोग त्योहारी सीजन के लिए जमकर खरीदारी कर रहे हैं. करवा चौथ से शुरू होकर दीवाली तक चलने वाले इस सीजन में बाजारों की चमक देखने लायक होती है. खासकर दीयों की बिक्री में जोर-शोर से इजाफा हो रहा है. लेकिन देशी दीयों की मांग के बीच चाइनीज प्रोडक्ट्स की घुसपैठ एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है.
आखिर क्या है ‘वोकल फॉर लोकल’?
‘वोकल फॉर लोकल’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया एक विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर बनाने और भारतीय प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता देने का है. इस मिशन के तहत भारतीय उत्पादों के उपयोग और प्रोत्साहन पर ज़ोर दिया जा रहा है, जिससे भारत के छोटे और स्थानीय व्यापारियों को बढ़ावा मिल सके. इसका मकसद सिर्फ प्रोडक्शन बढ़ाना ही नहीं बल्कि देश में बने उत्पादों का उपयोग और उनकी लोकप्रियता बढ़ाना है.
चाइनीज प्रोडक्ट्स की घुसपैठ: ‘वोकल फॉर लोकल’ के बीच बड़ी चुनौती
‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के बावजूद चाइनीज प्रोडक्ट्स भारतीय बाजारों में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं. खासकर दीवाली जैसे बड़े त्यौहारों से पहले, जब देशभर में देशी उत्पादों की मांग होनी चाहिए, तब चाइनीज उत्पाद बाजार में जगह बना रहे हैं. भोपाल के बाजारों में भी यही स्थिति देखी जा रही है. चाइनीज लाइट्स और दीये त्योहारी सीजन में भारतीय बाजारों में घुसपैठ कर चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग इन्हें खरीद भी रहे हैं.
देसी दीये बनाम चाइनीज दीये: कौन किस पर भारी?
भोपाल के स्थानीय बाजारों में दीयों की मांग में तेजी आई है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चाइनीज दीयों की बिक्री देशी दीयों से ज्यादा हो रही है. एक दुकानदार ने लोकल18 से बातचीत करते हुए बताया कि, “हर 10 में से 8 ग्राहक चाइनीज दीये मांग रहे हैं.” इसका कारण यह है कि चाइनीज दीयों की कीमत बेहद कम होती है. जहां एक चाइनीज दीये की कीमत 5 रुपये होती है, वहीं देशी दीया मात्र 2 रुपये में मिलता है. लेकिन फिर भी लोग चाइनीज प्रोडक्ट्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
देसी दीयों के समर्थन में दुकानदारों की अपील
भोपाल के एक दीया विक्रेता ने लोकल18 से बातचीत में बताया कि भारतीय ग्राहकों को त्योहारी सीजन में देशी उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा, “चाइनीज समेत अन्य विदेशी प्रोडक्ट्स की जगह भारतीय उत्पादों का इस्तेमाल करें. छोटे-छोटे स्थानीय उत्पादकों का समर्थन करें, जो अपने दम पर मेहनत कर रहे हैं.”
विक्रेता ने बताया कि देसी दीयों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये न केवल सस्ते होते हैं बल्कि इनसे छोटे कुम्हारों और कारीगरों को सीधा फायदा होता है. यह दीये पूरी तरह से प्राकृतिक और मिट्टी से बने होते हैं, जो पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं. इसके विपरीत, चाइनीज दीये प्लास्टिक और अन्य रसायनों से बने होते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
भारतीय बाजारों में आत्मनिर्भरता की जरूरत
‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत यह जरूरी है कि हम अपने देश में बने उत्पादों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें. चाइनीज उत्पादों की कीमतें भले ही कम हो, लेकिन ये हमारे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं. इस त्योहारी सीजन में भारतीय ग्राहकों को यह सोचना चाहिए कि वे किस तरह से भारतीय व्यापारियों और कारीगरों की मदद कर सकते हैं.
Tags: Bhopal news, Diwali festival, Local18, Vocal for Local
FIRST PUBLISHED :
October 20, 2024, 13:27 IST