देहरादून के पृथ्वी ने आइसलैंड में दिखाया दम, पावरलिफ्टिंग में जीता कांस्य

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आइसलैंड

आइसलैंड में पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में देहरादून के पृथ्वी मेडल  जीता

देहरादून: कई बार कुछ लोगों को कई तरह की बीमारियां होती हैं जो दवाइयां खाने के बाद ठीक हो जाती हैं लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जिनके लक्षण बचपन मे ही दिख जाते हैं लेकिन वे कभी ठीक नहीं होती. ऐसे में लोग टूट जाते हैं लेकिन देहरादून के पृथ्वी सम्राट सेनगुप्ता ने हाल ही में आइसलैंड में आयोजित आईपीएफ वर्ल्ड ओपन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2024 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने इस चैंपियनशिप में 66 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लिया और कांस्य पदक अपने नाम किया.

क्या कहना है कोच का
पृथ्वी के कोच अमन राय वोहरा ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए कहा कि पृथ्वी करीब 18 महीने पहले उनके पास आए थे. हालांकि इस तरह की बीमारी से जूझने के कारण वे भूल जाते हैं और उन्हें बार- बार समझाना चुनौती है लेकिन पृथ्वी का दृढ़ संकल्प देख वे उन्हें ट्रेनिंग देने पर मजबूर हो गए. उन्होंने बताया कि पृथ्वी सम्राट ओपन वर्ल्ड पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले प्रदेश के दूसरे खिलाड़ी हैं. पहला ऐसा मेडल 15 साल पहले उत्तराखंड में आया था.

जीत चुके हैं बहुत से मेडल
उन्होंने पृथ्वी के  समर्पण, फोकस और चुनौतियों को पार करने की इच्छाशक्ति की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तराखंड के हर एथलीट के मन में ऐसा ही जज्बा होना चाहिए. पृथ्वी दो बार के नेशनल पावरलिफ्टिंग चैंपियन भी रहे हैं. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में कॉमनवेल्थ पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीते हैं और उन्होंने किर्गिस्तान के साथ मलेशिया में एशियाई पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप जीतकर देश का नाम रोशन किया है.

आइसलैंड में जमाया सिक्का
कोच ने बताया कि आइसलैंड में ओपन टूर्नामेंट में पृथ्वी ने अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के एथलीटों का डटकर मुकाबला किया और अपनी श्रेणी में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी बने. अपनी बेजोड़ शक्ति के लिए उन्हें  ‘माउंटेन बीस्ट’ के खिताब से नवाजा गया.

इसका भी है शौक
बता दें कि साल 2006 में मुंबई में जन्मे पृथ्वी 16 साल की उम्र में स्थायी रूप से देहरादून में अपने नाना- नानी के यहां आकर रहने लगे. पावरलिफ्टिंग में अपना दमखम दिखाने वाले पृथ्वी को सिर्फ गेम्स ही नहीं  बेकिंग का भी शौक है. वे अक्सर केक और कुकीज बनाते नजर आते हैं.

परिवार से मिलता है पृथ्वी को हौसला
पृथ्वी की मां नियति शाह ने बताया कि उन्हें पृथ्वी के बचपन मे एक बहुत अलग तरह की बीमारी होने की जानकारी डॉक्टर्स ने दी थी. पावरलिफ्टिंग में चैंपियन बनना इतना आसान नहीं था. उन्होंने बताया कि डाउन सिंड्रोम के चलते क्रोमोजोम में गड़बड़ हो जाती है. इस बीमारी से बच्चे के दिमाग पर असर होता है और बच्चे का मानसिक विकास नहीं हो पाता है.

इस बीमारी से जूझने वाले लोगों को शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. पृथ्वी के परिवार और उनके हौसले ने सभी चुनौतियों का डटकर सामना किया. उनकी मां ने बताया कि पृथ्वी अपनी डाइट का ख्याल रखता है. वह न तो नॉनवेज लेते हैं और न ही सप्लीमेंट्स लेते हैं, वे हरी सब्जियां, दाल और फलों का ही सेवन करते है.

Tags: Dehradun news, Local18, News18 UP Uttarakhand

FIRST PUBLISHED :

November 27, 2024, 08:39 IST

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