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हिंदुओं को हल्के में न लें यूनुस, केवल चटगांव में हैं 25 लाख की आबादी, ईंट से ईंट बजा देगा अल्पसंख्यक समुदाय
नई दिल्ली: बांग्लादेश इन दिनों सुर्खियों में है. धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद जमात-ए-इस्लामी और हिफाजत-ए-इस्लाम के कार्यकर्ताओं द्वारा हिंदुओं पर हमले की खबरों के बीच बांग्लादेश के बंदरगाह शहर चटगांव में मंगलवार शाम को विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. सबसे बड़ी बात है कि यहां हिंदुओं की संख्या ठीक-ठाक है. चटगांव में लगभग 25 लाख हिंदू रहते हैं. ऐसे में यूनुस सरकार इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. क्योंकि अगर अल्पसंख्यक समुदाय में थोड़ी सी भी असंतोष की भावना जगी तो यह सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है. सीधे कहें तो यूनुस सरकार नहीं संभली तो चटगांव में अल्पसंख्यक समुदाय ईंट से ईंट बजा देगा.
बांग्लादेश के घटनाक्रम से भारत में भी हलचल मच गई, भारत ने एक कड़ा बयान जारी किया है. इसके साथ ही भाजपा की बंगाल इकाई ने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत नामक एक नवोदित हिंदू समूह के नेता दास, मुस्लिम बहुल देश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सितंबर से पूरे बांग्लादेश में विशाल रैलियां आयोजित कर रहे हैं.
चटगांव में 25 लाख से अधिक हिंदू
बांग्लादेश में एक प्रमुख हिंदू नेता ने भारतीय अधिकारियों से इस मामले को मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के समक्ष उठाने का आग्रह किया है. खबह है कि अल्पसंख्यकों पर हमले चटगांव शहर और उसके बाहरी इलाकों तक सीमित नहीं हैं. टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसरा चटगांव में 25 लाख से अधिक हिंदू रहते हैं.
मालूम हो कि बांग्लादेश में पिछले कुछ सालों में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं. बांग्लादेश स्थित राष्ट्रीय कानूनी सहायता और मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सलीश केंद्र के अनुसार, निहित संपत्ति अधिनियम, 1974, जो 2013 से देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की निगरानी कर रहा है, एक विवादित अधिनियम है.
Tags: Bangladesh, Bangladesh news
FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 11:00 IST