प्रतीकात्मक तस्वीर
पश्चिम चम्पारण. ज़िले के रामनगर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के क्षेत्र से निकलकर एक विशालकाय अजगर रिहायशी इलाके में पहुंच गया. मिली जानकारी के अनुसार, अजगर तकरीबन 10 फीट लंबा था, जिसे देखकर ग्रामीणों में अफरा-तफरी मचा गई. इसके पहले कि कोई अनहोनी हो जाती, गांव के कुछ युवा स्नेक कैचर्स ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए खुद से ही अजगर के रेस्क्यू की योजना बनाई. गनीमत इस बात की रही कि क़रीब एक घंटे की मशक्कत के बाद युवाओं ने अजगर को कब्जे में लिया. इस दौरान न तो सांप को कोई छती पहुंची और न ही कोई ग्रामीण हताहत हुआ.
घर में कुंडली जमाए बैठा था 10 फीट लंबा अजगर
बता दें कि वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के जंगल से भटक कर क़रीब 10 फीट लंबा एक अजगर, रामनगर प्रखंड के मिल बहुअरी स्थित एक घर में घुस गया. घर में बड़े आकार के अजगर को देख बच्चों एवं अन्य सदस्यों में चीख-पुकार मच गई. किसी तरह खुद को स्थिर कर परिवार वालों ने इसकी सूचना, गांव के ही एक स्नेक कैचर नोमान खान को दी. नोमान ने तत्परता दिखाते हुए अजगर को सुरक्षित कब्जे में लिया.
अजगर को थाने लेकर पहुंचे स्नेक कैचर
स्नेक कैचर द्वारा कब्जे में लिए गए अजगर को रामनगर थाने लाया गया. जहां पुलिस ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. जानकारी के बाद वन विभाग की टीम थाने पहुंची और अजगर को अपने कब्जे में लेकर उसे टाइगर रिज़र्व के घने जंगलों में छोड़ दिया.
विषैले तथा विषहीन सांपों का गढ़ है वीटीआर
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट बताते हैं कि बिहार के इकलौते टाइगर रिज़र्व वाल्मीकि में अजगर सहित अन्य कई प्रजातियों के सांपों का बसेरा है. इनमें भारत के सबसे विषैले सांपों ( कोबरा, रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर, कॉमन करैत, किंग कोबरा) से लेकर विषहीन सांपों की प्रजातियां तक शामिल है. मुख्य रूप से बरसात एवं ठंड के मौसम में ये जीव जंगल से भटक कर रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं. जिससे स्थानीय लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बना रहता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 13:03 IST