गेरोटा गांव में विद्यालय भवन बनवाने की मांग करते
पुष्पेन्द्र मीना/ दौसा: सरकार शिक्षा के नए आयाम स्थापित करने में जुटी है, लेकिन दौसा जिले के एक गांव में विद्यार्थियों और ग्रामीणों को विद्यालय भवन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. विद्यालय भवन नहीं होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है, जिससे छात्र, शिक्षक और ग्रामीण सभी परेशान हैं.
1976 में बना विद्यालय भवन तोड़ा गया
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गेरोटा का भवन, जो 1976 में ग्रामीणों के सहयोग से बनाया गया था, जर्जर हो चुका था. शिक्षा विभाग के आदेश पर जून 2023 में इस भवन को तोड़ दिया गया. इसके बाद नए भवन के निर्माण के लिए कई बार टेंडर प्रक्रिया की गई, लेकिन काम अब तक शुरू नहीं हो पाया, जिसके चलते विद्यार्थियों और शिक्षकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
दो अलग-अलग स्थानों पर चल रहा विद्यालय
स्कूल की छात्रा निशा मीना ने बताया कि पिछले साल विद्यालय भवन तोड़ने के बाद, विद्यालय दो अलग-अलग स्थानों पर संचालित हो रहा है. दोनों भवनों के बीच की दूरी एक किलोमीटर से अधिक है, जिससे पढ़ाई में बाधा आ रही है. शिक्षक एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में समय बर्बाद करते हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
जर्जर भवनों में खतरा
छात्र गोलू ने बताया कि जर्जर भवनों में बारिश के समय पानी टपकता है और वहां सांप, बिच्छू सहित अन्य जहरीले जानवर भी आ जाते हैं. इसके कारण छात्रों को पढ़ाई के दौरान डर का सामना करना पड़ता है. उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय में खेल मैदान नहीं है, जो कि छात्रों के लिए आवश्यक है.
ग्रामीणों का प्रदर्शन
आज सैकड़ों ग्रामीण और छात्र एकत्रित होकर प्रशासनिक अधिकारियों से विद्यालय भवन के निर्माण की मांग कर रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि पांच दिन के भीतर विद्यालय भवन का निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो वे मेगा हाईवे को बंद कर देंगे और बड़े अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक वे सड़क पर बैठे रहेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
September 30, 2024, 18:41 IST