दौसा. राजस्थान उपचुनावों की बहुचर्चित सीट दौसा में भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा चुनाव हार गए हैं. जगमोहन मीणा को कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा (डीसी बैरवा) ने 2300 मतों से अंतर से चुनाव हराया है. यह सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई थी. लेकिन वह यहां अपनी प्रतिष्ठा नहीं बचा पाई. इसके पीछे कारण भितरघात को भी माना जा रहा है. क्योंकि यहां मीणा के भाई को टिकट दिए जाने पर किसी ने सरे आम तो मुखालफत नहीं कि लेकिन अंदरखाने पार्टी में रोष बताया जा रहा है.
दौसा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट का भी खासा दबदबा है. सचिन खुद, उनके पिता राजेश पायलट और मां रमा पायलट यहां से सांसद रह चुके हैं. दौसा में किरोड़ीलाल मीणा के भाई को टिकट देने के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे थे. सबसे बड़ा कारण तो किरोड़ीलाल की पार्टी से चल रही नाराजगी को दूर करना माना जा रहा था. किरोड़ीलाल मीणा ने कई महीनों पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. यह दीगर बात है कि वह अभी तक मंजूर नहीं हुआ है.
बीजेपी को उम्मीद थी किरोड़ीलाल कांग्रेस से सीट छीन लेंगे
बताया जा रहा है कि सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने की आदत और अपने जुझारूपन के लिए पहचाने जाने वाले किरोड़ीलाल मीणा को लेकर पार्टी में यह मत था कि इस सीट को वे कांग्रेस के जबड़े से छीन लेंगे. वहीं भाई को टिकट दिए जाने से किरोड़ीलाल की नाराजगी दूर हो जाएगी. लेकिन बीजेपी की यह रणनीति यहां काम नहीं आई और यहां फिर से हार गई. दौसा सीट पहले भी कांग्रेस के पास थी. दौसा के कांग्रेस विधायक मुरारीलाल के सांसद बन जाने से यह सीट खाली हुई थी.
अब यहां नए सियासी समीकरण बनने के आसार हो गए हैं
दौसा में बीजेपी की हार से अब यहां नए सियासी समीकरण बनने के आसार हो गए हैं. किरोड़ीलाल मीणा के दबदबे वाले इलाके में ही उनकी हार से उन पर सवाल उठेंगे. किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे को लेकर भी अब कोई बड़ा अपडेट आ सकता है. राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री की भाई की हार से यहां कांग्रेस उत्साह में है. उसने इसे सरकार को फेलियर बताया है. कांग्रेस का आरोप है कि 11 महीने में सरकार कुछ नहीं कर पाई इसलिए उसे यहां हार का सामना करना पड़ा.
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 13:41 IST