धर्मशाला. भारत विविधताओं से भरा देश है और यहां हर धर्म के त्यौहार बड़े हर्ष के साथ मनाए जाते हैं चाहें फिर होली दिवाली हो या गुरु पूर्णिमा क्रिसमस हो या ईद इसी कड़ी में आपको बताने जा रहे हैं कि आज का दिन सिख धर्म के लिए बेहद खास है आज के दिन का सिख धर्म से जुड़े लोग कार्तिक पूर्णिमा के पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि इस तिथि पर गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी. इसलिए उन्हें सिख धर्म के संस्थापक के रूप में सम्मानित किया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरुद्वारों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है और बेहद खास रौनक देखने को मिलती है. इसके अलावा गुरुवाणी का पाठ और लंगरों का आयोजन किया जाता है.
धर्मशाला में दिखी गुरु नानक देव की जयंती पर धर्मशाला के गुरुद्वारे में बड़ी संख्या में लोगों को माथा टेकते हुए देखा गया.यहां की खूबसूरती यह है न सिर्फ सिख धर्म बल्कि हिंदू धर्म के लोग भी आज के दिन गुरुद्वारे माथा टेकने जाते हैं. आज धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा को भी इस मौके पर गुरुद्वारे माथा टेकते हुए देखा गया व उन्होंने सभी को शुभकामनाएं भी दी.
कौन से गुरु नानक देव
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 में तलवंडी (अब पश्चिम पाकिस्तान) में हुआ था. उनके पिता जी का नाम मेहता कालू और माता जी का नाम तृप्ता था.उनके पिता तलवंडी गांव में पटवारी का कार्य किया करते थे. गुरु नानक देव जी ने वर्ष 1487 में शादी की, जिसका नाम सुलखनी था.इनके दो पुत्र श्रीचंद और लख्मी चंद थे.उन्होंने कई तीर्थयात्रा की थी. यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरुक किया.
Editor- Anuj Singh
FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 15:09 IST