नवरात्रि में रामपुर की माता रानी की चुनरी की बढ़ी मांग: सिलाई-कढ़ाई से सजी अनोखी
रामपुर. नवरात्रि के दौरान रामपुर में माता रानी की चुनरी की विशेष मांग देखने को मिलती है. आस्था से जुड़ी यह खास चुनरी ना केवल धार्मिक पूजन का हिस्सा है, बल्कि यह रामपुर के कारीगरों की कला और मेहनत का बेमिसाल उदाहरण भी है. आस्था और श्रद्धा से जुड़ी यह चुनरी केवल देवी पूजन का एक अंग नहीं है, बल्कि रामपुर के कारीगरों और महिलाओं की कला, मेहनत और परंपराओं का बेमिसाल प्रतीक भी है.
पीढ़ियों से चली आ रही है चुनरी बनाने की परंपरा
रामपुर में माता रानी की चुनरी तैयार करने का काम पीढ़ियों से चला आ रहा है. यहां की महिलाएं चुनरी बनाने की परंपरा को संभालते हुए इसे एक रोजगार का जरिया भी बना लिया है. महिलाएं बाजार से चुनरी का कपड़ा, गोटा और लेस लेकर आती हैं और घर पर ही सजाकर तैयार करती हैं. नवरात्रि के शुभ समय में हर घर और मंदिर में यह चुनरी माता रानी को अर्पित की जाती है. रामपुर की चुनरी में इस्तेमाल होने वाले रंग जैसे लाल, केसरिया और पीला भक्तों की आस्था और माता रानी की महिमा को दर्शाते हैं. इन चुनरियों पर विशेष जरी गोटा और चमकीले धागों का इस्तेमाल किया जाता है. इनकी सजावट और बारीक सिलाई, चुनरी को ना सिर्फ सुंदर बल्कि टिकाऊ भी बनाता है.
महिलाओं के लिए रोजगार का है बड़ा साधन
रामपुर की महिलाएं इस चुनरी के निर्माण से जुड़े विभिन्न कार्यों को बखूबी संभाल रही हैं. चुनरी की सिलाई, कढ़ाई और सजावट का काम कर ना केवल अपनी कला को निखारा है, बल्कि इससे रोजगार का एक सशक्त माध्यम भी मिला है. महिलाएं घर पर ही चुनरी बनाती हैं. महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मां की चुनरी का बड़ा याेगदान है. स्थानीय महिला कारीगर शिवनी कश्यप ने लोकन 18 को बताया कि रामपुर में वैसे तो वर्ष भर माता की चुनरी बनाई जाती है. लेकिन, नवरात्रि के समय चुनरी बनाकर अच्छे पैसे कमा लेते हैं. इसी से परिवार की जरूरतें पूरी होती है और कला दिखाने का भी मौका मिल जाता है.
देशभर में है चुनरी की डिमांड
रामपुर की चुनरी ना केवल स्थानीय स्तर पर बिकती है, बल्कि इसकी मांग पूरे देश में है. विशेष रूप से वैष्णो देवी, अमृतसर, लुधियाना, फगवाड़ा, अंबाला, सहारनपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर और मेरठ जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर इन चुनरियों की खास मांग रहती है. कारीगरों की मेहनत और निपुणता के चलते रामपुर की चुनरी देश के विभिन्न मंदिरों और घरों में माता रानी के श्रृंगार के लिए अर्पित की जाती है. कई व्यापारी और भक्त रामपुर से चुनरियां खरीदकर देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजते हैं, जिससे यहां के कारीगरों का काम राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचता है. रामपुर में चुनरी ना केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह महिलाओं सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देने में सहायत है.
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FIRST PUBLISHED :
October 5, 2024, 12:38 IST