सोलर ग्रास कटर किसानो को देगा फायदा
विक्रम कुमार झा/ पूर्णिया: पूर्णिया के अभियंत्रण महाविद्यालय के चार छात्रों की टीम ने सोलर ग्रास कटर का निर्माण कर एक अनोखा उदाहरण पेश किया है. महज 3,000 रुपए की लागत से बने इस सोलर ग्रास कटर से किसान और आम लोग बड़ी आसानी से खेतों और बागानों की घास काट सकते हैं. इस मशीन का संचालन बेहद सरल है और यह बिना डीजल या पेट्रोल के, सौर ऊर्जा से चलती है.
किसानों के लिए सस्ती और प्रभावी तकनीक
ग्रास कटर मशीन बनाने वाली टीम में सुनील, संजीत, दिगंबर और संजय शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस मशीन का मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए कम लागत में एक ऐसी तकनीक उपलब्ध कराना है, जिससे घास की कटाई आसानी से की जा सके. अब किसानों को महंगे डीजल-पेट्रोल से चलने वाली मशीनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और न ही मजदूरों की कमी से परेशान होना होगा. इस सोलर ग्रास कटर की मदद से खेतों में घास की कटाई बेहद किफायती और सरल हो जाएगी.
किसानों की समस्याओं से मिली प्रेरणा
इस सोलर ग्रास कटर को बनाने के पीछे की प्रेरणा किसानों की समस्याओं को देखकर आई. छात्रों का कहना है कि यह मशीन किसानों के श्रम और समय को बचाएगी. फिलहाल इसे रिमोट से संचालित किया जाता है, लेकिन आने वाले समय में इसे और अधिक उन्नत बनाकर वॉइस सेंसर की मदद से भी ऑपरेट किया जा सकेगा. अभी यह मशीन पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित है, जिससे ईंधन की कोई आवश्यकता नहीं होती.
सौर ऊर्जा से संचालित कटर, प्रदूषण की कोई चिंता नहीं
इस मशीन को बनाने में छात्रों ने 12 वोल्ट की बैटरी, सोलर प्लेट और रिमोट कंट्रोल सिस्टम का उपयोग किया है. उन्होंने बताया कि मशीन में नीचे की ओर एक मोटर लगाई गई है, जो घास को काटने में मदद करती है. कुल मिलाकर, यह प्रोटोटाइप मशीन मात्र 3,000 रुपए की लागत में तैयार हुई है और इसे आगे और भी उन्नत बनाने की योजना है.
मेकैनिकल विभाग और प्राचार्य ने की प्रशंसा
अभियंत्रण महाविद्यालय के मेकैनिकल विभाग के प्रोफेसर, मोहम्मद शाकिब अख्तर ने छात्रों की इस उपलब्धि की खूब प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सोलर ग्रास कटर से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इसमें डीजल या पेट्रोल की आवश्यकता नहीं है. यह मशीन पूरी तरह सौर ऊर्जा पर आधारित है, जिससे प्रदूषण का कोई डर नहीं है.
महाविद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार और अन्य शिक्षकों, जैसे मोहम्मद इफ्तेखार और सौरभ सुमन ने भी छात्रों की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. उनका मानना है कि यह इनोवेशन किसानों की मदद करने के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 6, 2024, 13:49 IST