पिछले 10 साल तक इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.
गया:- इमामगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है और 13 नवंबर को यहां पर मतदान होगा. उम्मीदवारों की बात करें, तो एनडीए ने जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी पर भरोसा जाता है. वहीं महागठबंधन से रोशन मांझी उम्मीदवार हैं. जबकि जन सुराज ने जितेंद्र पासवान को अपना प्रत्याशी बनाया है. यहां पिछले 10 साल से जीतन राम मांझी विधायक थे, लेकिन गया लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई और अब यहां उप चुनाव हो रहा है. जीतन राम मांझी के बारे में कहा जाता है कि वह गरीबों और दलितों के नेता हैं. पिछले 10 साल तक उन्होंने इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.
10 साल में कितना हुआ विकास?
इमामगंज विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट है. यहां पर मांझी समाज के लोगों का वोट सबसे अधिक है. जीतन राम मांझी के विधायक रहते 10 साल में उनके समाज के लोगों में कितना बदलाव आया, इसपर लोकल 18 ने इमामगंज प्रखंड क्षेत्र के पथरा गांव पहुंची. पथरा गांव में लगभग 40 से 50 घर मांझी समाज का है और यहां के लोग पिछले दो बार से जीतन राम मांझी को ही वोट दे रहे थे. मांझी समाज से जुड़े ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग उन्हें दो बार से वोट दे रहे हैं, लेकिन हम लोगों के लिए आज तक कुछ भी नहीं किया गया है.
ग्रामीणों ने बताया कि न ही उनके गांव तक पहुंचने के लिए सड़क है, न ही नदी पर पुल है, न गांव में सड़क है, न पानी की व्यवस्था है, न रोजगार है और न बच्चों के लिए शिक्षा है. मांझी समाज के लोगों ने बताया की पहले जिस तरह से हम लोग जीवन यापन कर रहे थे, आज भी उसी तरह कर रहे हैं. गांव में एक दो लोगों को छोड़कर किसी को आवास योजना का लाभ भी नहीं मिला है. राशन लेने के लिए 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. मजदूरी कर और लकड़ी बिनकर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं. बच्चों को स्कूल में भोजन भी नहीं मिलता. वोट देने के लिए 10 किलोमीटर दूर सलैया गांव जाना पड़ता है.
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सड़क और पुल बनाने का किया था दावा
गांव के रहने वाले रीता देवी, क्रांति देवी, उपेंद्र भारती, देवसिया देवी, रमती देवी और अनिल भारती ने Local 18 को बताया कि हम लोग जीतन राम मांझी को वोट देते हैं. लेकिन वह अपने समाज के लिए कुछ नहीं किए हैं. वह सिर्फ अपने परिवार के लिए काम करते हैं. पिछली बार जब वह गांव में आए थे, तो उन्होंने सड़क और पुल बनाने का दावा किया था. लेकिन यह काम अभी भी अधूरा है. हमारे समाज में न कोई पढ़ा-लिखा है और न किसी की सरकारी नौकरी है. रोजगार के लिए दूसरे राज्य में जाना पडता है.
गौरतलब है कि इस बार महागठबंधन ने मांझी समाज से ही टिकट दिया है और रोशन मांझी को उम्मीदवार बनाया है. एनडीए के उम्मीदवार दीपा मांझी और महागठबंधन के उम्मीदवार में टक्कर होने की उम्मीद है. लेकिन जन सुराज भी इस बार धुआंधार प्रचार-प्रचार कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में अब देखना होगा कि इमामगंज की जनता 13 नवंबर को किस उम्मीदवार को अपना मत देकर विधायक बनाती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 18:15 IST