नई दिल्ली. मिडिल-ईस्ट में जंग अब परमाणु हथियारों से भी आगे बढ़ सकती है क्योंकि एक रिपोर्ट में दावा किया ईरान तेजी से रासायनिक हथियार (केमिकल वेपंस) बना रहा है. ईरान द्वारा फेंटेनल जैसे घातक हथियारों को जमा करना पूरी दुनिया के लिए एक खतरा है, जिससे ना सिर्फ मिडिल-ईस्ट और पश्चिम एशिया में तनाव अपने चरम पर पहुंच जाएगा, बल्कि उसके आसपास के देश भी अस्थिर हो सकते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ईरान रासायनिक हथियारों के जरिए अमेरिका सहित सभी पश्चिमी देशों को अपनी ताकत से डराना चाहता है.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जबकि ईरान और इजरायल में जंग जैसे हालात हैं. दोनों तरफ से एक-दूसरे पर मिसाइलों से हमला भी किया जा चुका है. और अगर ईरान केमिकल वेपन का इस्तेमाल इजरायलके खिलाफ गलती से भी कर दिया, तो यह जंग को खतरनाक दिशा में ले जा सकता है. इजरायल के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया ‘एक्स’ अकाउंट पर भी शेयर किया है.
एक नई रिपोर्ट ने ईरान के गुप्त रासायनिक हथियार कार्यक्रम (पीबीए) का खुलासा किया है और यह रासायनिक हथियार सम्मेलन (सीडब्ल्यूसी) के घोर उल्लंघन को भी उजागर करती है. आसान से चलने वाले ड्रोन के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में वृद्धि ने घातक रासायनिक हथियारों के खतरे को बढ़ा दिया है. मिडिल-ईस्ट में सबसे बड़ी चिंता यह है कि ईरान या उसके सहयोगी ऐसे हथियारों का उपयोग कर सकते हैं.
ईरान की यह रिपोर्ट इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी (आईएसआईएस) ने तैयार की है, जिसने फार्मास्युटिकल आधारित एजेंट्स (PBAs) पर ईरान के काम और उनके हथियारों को बढ़ाने के संकेतों का विश्लेषण करने का निर्णय लिया. इसके लिए ईरान की सैन्य व्यवस्था और इसके तकनीकी और साइंटिफिक पब्लिकेशंस का मूल्यांकन किया गया, खासकर दो एजेंट्स, फेंटानिल और मेडेटोमिडिन, और उनके डेरिवेटिव्स पर. यह रिपोर्ट 2005 से 2023 तक इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) से जुड़े व्यक्तियों द्वारा किए गए रिसर्च के सर्वे को ध्यान में रखकर तैयार की गई है.
इस रिपोर्ट में कई ईरानी सिक्योरिटी कॉम्प्लेक्स पर चर्चा की गई है जो फेंटानिल और मेडेटोमिडिन आधारित घातक एजेंटों को बनाने की तैयारी कर रहे हैं. ये कैम्पस उन हथियारों के उत्पादन पर काम कर रहे हैं, जो एक प्रोपेलेंट का उपयोग करके एरोसोलाइज किया जा सकता है, और ग्रेनेड, गोलियों या ड्रोन के माध्यम से एजेंटों की डिलीवरी का विकास करता है.
ईरान के इस काम ने इज़रायल और मध्य पूर्व के अन्य क्षेत्रों में नागरिकों और सैन्य कर्मियों के खिलाफ उनके उपयोग के बारे में चिंता बढ़ा दी है. एक परेशानी की बात यह है कि तनावपूर्ण क्षेत्रों या युद्ध क्षेत्रों में फार्मास्युटिकल-आधारित एजेंटों के कनस्तरों का इस्तेमाल अस्थिरता, कठोर मिलिट्री रिएक्शन और दहशत पैदा करेगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 22:32 IST