घोड़ाखाल गोलू देवता के मंदिर में अर्जी लगाते छात्रनेता.
नैनीताल. उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनाव न होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कई जिलों में छात्रनेता विरोध कर रहे हैं. बीते दिनों कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा में विरोध कर रहे एक छात्रनेता ने खुद पर तेल छिड़ककर आग लगा ली थी. विरोध के बीच नैनीताल जिले के छात्रनेता अब न्याय के देवता गोल्ज्यू महाराज की शरण में पहुंचे, जहां उन्होंने अर्जी लगाई. परेशान छात्र नेताओं ने घोड़ाखाल स्थित गोलू देवता के मंदिर में चुनाव की तिथि घोषित किए जाने को लेकर अर्जी लगाई है और गोल्ज्यू महाराज से सरकार द्वारा चुनाव जल्द करवाने की प्रार्थना की है.
छात्र नेता आशीष कबड़वाल ने लोकल 18 से बात करते हुए कहा कि हमने अर्जी लिखकर गोल्ज्यू भगवान से प्रार्थना की है कि न्याय करने वाले गोल्ज्यू देवता हम छात्रों की समस्या का समाधान करें. छात्रनेता पूरे सालभर छात्रसंघ चुनाव की तैयारी करते हैं लेकिन राज्य सरकार द्वारा छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है. उन्होंने गोल्ज्यू भगवान से प्रार्थना की है कि भगवान सरकार को सद्बुद्धि दे ताकि सरकार हमारे छात्रसंघ चुनाव को जल्द से जल्द पूर्ण कराए.
30 सितंबर तक कराए जाने थे छात्रसंघ चुनाव
बता दें कि 23 अप्रैल 2024 को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों के लिए जारी शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार, 30 सितंबर तक छात्रसंघ चुनाव कराए जाने थे लेकिन विश्वविद्यालयों के स्तर पर चुनाव नहीं कराए जा सके. विश्वविद्यालय अधिकारी चुनाव की तारीख के लिए सरकार की ओर देखते रहे. छात्र संगठनों के आंदोलन करने पर जब विवाद बढ़ा, तो हलचल शुरू हुई. इस मामले में एक पीआईएल के तहत हाईकोर्ट द्वारा जवाब तलब करने पर सरकार ने कहा कि शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार 30 सितंबर तक चुनाव हो जाने चाहिए थे. ऐसे में अब छात्रसंघ चुनाव कराना संभव नहीं होगा. राज्य सरकार का जवाब दाखिल होने के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 24 अक्तूबर को पीआईएल निस्तारित कर दी थी.
मंदिरों में लटकीं करोड़ों घंटियां गवाह
गौरतलब है कि उत्तराखंड में गोलू देवता को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि गोल्ज्यू महाराज के दरबार में न्याय जरूर मिलता है और मनोकामना की पूर्ति होती है. लोग सादे पेपर, स्टांप पेपर, चिट्ठी आदि के माध्यम से अपनी मनोकामना या परेशानी लिख गोलू देवता के मंदिर में अर्जी लगाते हैं और मनोकामना होने पर मंदिर में घंटी और प्रसाद चढ़ाते हैं. घोड़ाखाल मंदिर, चितई मंदिर और अन्य मंदिरों में लटकी करोड़ों घंटियां इस बात की गवाह हैं. यह प्रथा सदियों से चली आ रही है. गोलू देवता के घोड़ाखाल मंदिर में कई हस्तियों समेत अंग्रेज अधिकारियों ने भी घंटियां अर्पित की थीं.
Tags: Local18, Nainital news, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED :
November 24, 2024, 12:39 IST