पटना जू के गैंडों का फैन है अमेरिका का सैन डियागो जू, विश्व में है दूसरा नंबर

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर 

पटना. पटना का संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) गैंडे की संख्या में ऐसा धाक जमाए बैठा है कि अमेरिका का मशहूर सैन डियागो जू भी थोड़ा हिला हुआ है! जहां सैन डियागो जू में 15 गैंडे हैं, वहीं पटना जू ने 13 गैंडों के साथ विश्व में दूसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है. अब गैंडे की डिमांड ऐसी है कि बाघ और शेर भी ईर्ष्या से भर उठे हैं. और हां, सैन डियागो जू ने भी हमारे पटना के गैंडे का इतना फैन हो गया कि नर गैंडे के बदले तीन जिराफ और दो मादा गैंडे की डील कर डाली.

पटना जू में गैंडे का रोमांचक इतिहास
पटना जू में गैंडे का यह प्यार भरा सफर 1979 में शुरू हुआ, जब असम से कांछा और कांछी नाम के दो गैंडे यहां पहुंचे. फिर 1982 में वाल्मीकि नगर व्याघ्र परियोजना से एक और स्टार की एंट्री हुई जिसका नाम राजू था. 1988 में मादा गैंडा कांछी ने एक नन्ही गैंडी को जन्म दिया और यह सिलसिला चल पड़ा. राजू तो फुल ऑन पापा बन गए, और 1991 में एक और गैंडा आ गया. इसके बाद राजू और कांछी की जोड़ी चर्चित हो गई. इसके बाद 1993 में कांछा भी पिता बना और कांछी ने तीसरी बार नर बच्चे का जन्म दिया.

पटना जू में ही जन्म लेने वाली हड़ताली ने नौ वर्ष की उम्र में 1997 में नर बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद हड़ताली नामक गैंडा पटना जू की मम्मी ऑफ द ईयर बन गई. इसने अब तक 11 गैंडों को जन्म दिया. मगर अफसोस, मई 2024 में हड़ताली ने दुनिया को अलविदा कह दिया. लेकिन उसकी विरासत यहां के गैंडों में जिंदा है.

वर्तमान में गैंडों की धूम
आज पटना जू में आठ हैंडसम नर गैंडे और पांच शानदार मादा गैंडे हैं. गैंडे का नाम सुनकर कोई भी बोर हो सकता है, लेकिन जब इनका नाम सुनेंगे तो मजा आ जाएगा. अयोध्या, गणेश, प्रिंस, शक्तिराज, शक्ति, युवराज, जम्बू, और विद्युत जैसे नामों के साथ ये गैंडे अपने सींगों से नहीं, अपने स्टाइल से दिल जीत रहे हैं. वहीं मादा गैंडे में लाली, गुड़िया, रानी, गौरी, और सीमा भी पूरी तरह तैयार हैं.

2026 में आ सकता है नया मेहमान
चिड़ियाघर प्रशासन की कोशिश है कि 2026 तक कम से कम दो नए गैंडों का जन्म कराया जा सके. अगर ऐसा हुआ तो पटना जू में गैंडों संख्या में बढ़ोतरी हो जायेगी. आपको बता दें कि मादा गैंडा 15 माह गर्भधारण के बाद बच्चे का जन्म देती है. संजय गांधी जैविक उद्यान के निदेशक सत्यजीत कुमार की मानें तो पिछले कुछ सालों से गैंडा प्रजनन पर ब्रेक लग गया था. लेकिन अब सभी प्रकार की अड़चनें दूर हो गई हैं. देशभर के चिड़ियाघर पटना जू से गैंडा की मांग कर रहे है.

Tags: Bihar News, Local18, PATNA NEWS

FIRST PUBLISHED :

September 22, 2024, 21:36 IST

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