बॉलीवुड में एक एक्टर ऐसा था जिसे फिल्मों में छोटे-मोटे साइड रोल मिलते थे। देखने में काफी हैंडसम था, कई लोग हीरो मटीरियल कहते थे, लेकिन किस्मट फूटी हुई थी, ऐसे में अच्छे रोल्स के लाले पड़े थे। ये एक्टर काफी कोशिशें करता रहा। कई हफे अभिनय के क्षेत्र में हाथ आजमाने के बाद भी इसे सफलता नहीं मिली। फिर इसने एक्टिंग से मुंह मोड़ लिया, लेकिन फिल्मों के लिए इसका प्यार फिर भी अमर था। एक्टिंग से दूरी तो बनाई लेकिन फिल्मों के लिए दीवानगी ने इसे कुछ कर गुजरने पर मजबूर कर दिया। अभिनय की राह छोड़ ये एक्टर फिल्म मेकर बन गया और देखते ही देखते इसने अपनी कहानियों से लोगों का दिल जीत लिया। एक के बाद एक हिट फिल्में देकर इसने बॉलीवुड के कई सुपरस्टार्स की तकदीर बदल दी। शाहरुख खान, अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला, जैसे शानदार एक्टर्स की किस्मत इस फिल्म मेकर ने ही लिखी।
डायरेक्टर बनकर बदली किस्मत
हम बात कर रहे हैं सुभाष घई की, जिन्होंने अपनी कहानियों भारत की हर छवि को दिखाया। ये अपनी कहानियों में भारतीय महिलाओं की खूबसूरती को निखारने में कामयाब रहे। सुभाष घई ने 1979 की फिल्म 'कालियाचन' से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। इससे पहले वे फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करते रहे थे। हालांकि, एक्टर से डायरेक्टर बनने के बाद सुभाष घई ने इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई। वे 'परदेस', 'त्रिमूर्ती', 'परिंदा' और 'ताल' जैसी हिट फिल्में देने के लिए जाने जाते हैं। आज सुभाष घई बॉलीवुड में एक जाना-माना नाम हैं और उन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उन्होंने माधुरी दीक्षित के करियर को शुरू करने में अहम भूमिका निभाई और एक्ट्रेस अपनी सफलता का श्रेय उन्हें ही देती हैं।
इन सितारों को दिखाई राह
हालांकि सुभाष घई को बतौर एक्टर बॉलीवुड में वह पहचान नहीं मिल पाई जिसके वे हकदार थे, लेकिन उन्होंने बतौर निर्देशक कई सितारों की तकदीर बदल दी। शाहरुख खान के शुरुआती करियर को उन्होंने ही दिशा दी। 1992 में डेब्यू करने वाले शाहरुख खान को सुभाष ने फिल्म 'त्रिमूर्ती' का हिस्सा बनाया और फिर 'परदेस' से उनकी किस्मत में भी चार चांद लगाए। अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ की जोड़ी को सुभाष घई ने ही चमकाया। मनीषा कोइराला और ऐश्वर्या राय की किस्मत के ताले भी सुभाष घई की फिल्मों में काम करने के बाद खुले। मीनाक्षी शेषाद्रि, महिमा चौधरी और श्रेयस तलपड़े जैसे सितारों को भी पहचान दिलाने में सुभाष घई की अहम भूमिका रही। कार्तिक आर्यन को भी उन्होंने रोमांटिक हीरो की छवि में 'कांची' से पेश किया। मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान ने भी सुभाष घई फिल्मों से पहचान बनाई। यही वजह रही कि उन्हें बॉलीवुड का दूसरा शोमैन कहा जाने लगा।
एक्टिंग करते सुभाष घई।
इस फिल्म से किया था डेब्यू
सुभाष घई ने राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर के साथ फिल्म 'आराधना' में एक अभिनेता के तौर पर अपनी शुरुआत की। इस फिल्म के अलावा वह 'उमंग', 'भारत के शहीद', 'शेरनी' और 'नाटक' में छोटी भूमिकाओं में दिखाई दिए, लेकिन उनके प्रयासों को किसी ने सराहा नहीं। लंबी स्ट्रगल के बाद उन्होंने उन्होंने निर्देशन से पहचान बनाई। उनकी पहली ही फिल्म सुपरहिट साबित हुई। यही उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट बना। सुभाष घई ने 'विश्वनाथ', 'गौतम गोविंदा', 'कर्ज', 'क्रोधी', 'हीरो', 'विधाता', 'कर्मा', 'राम लखन', 'सौदागर', 'खलनायक', 'यादें', 'युवराज', 'ब्लैक एंड व्हाइट', 'कांची' जैसी कई फिल्में अपने लंबे करियर में बनाईं।