पुणे में 63 वर्षीय बुजुर्ग की हुई मौत, गुइलेन बैरे सिंड्रोम से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6 हुई

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pune 63 year old man died death toll from Guillain Barre syndrome rises to 6 in maharashtra Image Source : FILE PHOTO प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र के पुणे जिले में 63 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के बाद संदिग्ध 'गुइलेन-बैरे सिंड्रोम' (जीबीएस) से मरने वालों की संख्या छह तक पहुंच गई है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि बुखार, दस्त और पैरों में कमजोरी की शिकायत के बाद बुजुर्ग व्यक्ति को सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और जांच में पता चला कि उन्हें जीबीएस है। पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘बुधवार को बुजुर्ग व्यक्ति की हालत बिगड़ गई और तीव्र 'इस्केमिक स्ट्रोक' के कारण उनकी मृत्यु हो गई।’’ ‘इस्केमिक स्ट्रोक’ तब होता है जब रक्त का थक्का मस्तिष्क तक जाने वाली धमनी को अवरुद्ध कर देता है। अधिकारी ने बताया कि इन छह मौतों में से पांच की मौत संदिग्ध रूप से जीबीएस के कारण हुई है, जबकि एक मरीज की मौत इस बीमारी से हुई है। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीन नए मामलों का पता चलने के साथ ही पुणे में जीबीएस के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 173 हो गई। 

पुणे में संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई 163

बता दें कि इससे पहले पुणे में 5 और लोगों के ‘गुलियन बैरे सिंड्रोम’ (GBS) से संक्रमित होने का पता चलने के बाद महाराष्ट्र में इस दुर्लभ तंत्रिका विकार से संक्रमण के संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 163 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य में इस बीमारी से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘पांच मामले सामने आए हैं, हालांकि सोमवार को किसी की मौत नहीं हुई और 127 लोगों में जीबीएस की पुष्टि हुई है। संदिग्ध मामले 163 हैं, जिनमें पुणे शहर में 32, पुणे नगर निगम क्षेत्र में जोड़े गए नए गांवों से 86, पिंपरी चिंचवड में 18, पुणे ग्रामीण में 19 और अन्य जिलों में आठ मामले शामिल हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि 163 मरीजों में से अब तक 47 को छुट्टी दे दी गई है, 47 मरीज ICU में हैं और 21 वेंटिलेटर पर हैं।

प्रयोगशाला भेजे गए 168 नमूने

उन्होंने बताया कि पुणे शहर के विभिन्न स्थानों से पानी के कुल 168 नमूने रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला भेजे गए थे। उन्होंने बताया कि आठ जल स्रोतों के नमूने दूषित पाए गए। जीबीएस एक दुर्लभ विकार है, जिसमें शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ-पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं। माना जाता है कि दूषित भोजन और पानी में पाया जाने वाला ‘बैक्टीरिया कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी’ इस प्रकोप का कारण है। 

(इनपुट- भाषा)

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