प्रेमानंद महाराज से जानें भंडारा या आश्रम में मिल रहा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं

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Premanand Maharaj viral video : प्रेमानंद महराज का हाल ही में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने भंडारा या मंदिर में मिल रहा प्रसाद (prasad grahan niyam kya hai) खाना चाहिए या नहीं? अगर आप लंगर या आश्रम में मिल रहा भोजन करते हैं तो दान पुण्य करना कितना जरूरी है; इन सारी चीजों पर बात की है, जिसके बारे में गृहस्थ लोगों को जरूर जाननी चाहिए. तो चलिए जानते हैं प्रेमानंद महाराज के अनुसार भंडारे, मंदिर और आश्रम में प्रसाद लेने सही नियम क्या है...

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भंडारे या मंदिर का प्रसाद खाएं या नहीं?

दरअसल, हाल ही में एक भक्त ने सवाल किया था कि क्या लंगर और भंडारे में मिल रहे प्रसाद आदि को ग्रहण करना चाहिए? जिसके सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मंदिर में मिलने वाला प्रसाद खा सकते हैं. लेकिन जो दान पुण्य वाले लंगर और भंडारे होते हैं उनसे बचना चाहिए. यह आपके लिए ठीक नहीं है. साथ ही उन्होंने बताया कि आप किसी आश्रम या तीर्थस्थल पर जाते हैं, वहां भी कुछ मुफ्त में मिले तो अपने सामर्थ्य अनुसार भगवान के नाम पैसे जरूर दे दीजिए. आप अगर गृहस्थ जीवन में हैं फिर तो आपको बिल्कुल यह करना चाहिए. कुछ भी फ्री का न खाएं पिएं. 

प्रेमानंद महाराज की इन बातों का भी रखें ध्यान

इसके पहले प्रेमानंद जी ने अपने एक वीडियो में गुस्से पर काबू कैसे पाना चाहिए इसके कुछ तरीके बताए थे, जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बता रहे हैं. 

कैसे करें गुस्से पर कंट्रोल - however to power anger

1- प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) अपने भक्त को समझाते हुए कहते हैं कि अगर आप ज्यादा गुस्सा करने वाली आदत से परेशान हैं, तो जब भी आपको ऐसा महसूस हो तो गहरी सांस लीजिए. इससे आपका मन शांत होगा. और हां इस दौरान कोई भी बड़ा फैसला मत लीजिए. जब दिमाग शांत हो तभी किसी निर्णय पर पहुंचे. 

2- वहीं, गुस्सा आने पर आप किसी एकांत जगह पर बैठ जाएं, इससे दिमाग शांत होगा और विचार भी अच्छे होंगे. आप चाहें तो ध्यान मुद्रा (meditation) में भी बैठ सकते हैं, इससे आप तनाव मुक्त होंगे और गुस्से पर भी काबू पा सकेंगे. 

3- इसके अलावा आपको जब गुस्सा आए तो फिर अपने आपसे सवाल करिए कि क्या इस बात पर गुस्सा होना ठीक है. इस तरीके से आप भी अपने आपको शांत कर सकेंगे. 

4- एक सबसे जरूरी बात, अगर कोई आपका अपमान और निंदा करता है, मजाक उड़ाता है तो उस व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें और दूसरों को माफ करना सीखें. इससे आपका मंगल होगा. यह सारी आदतें आपके दिमाग को शांत करने में पूरी मदद करेंगी. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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