परिवार के साथ शिवम
हरिकांत शर्मा/आगरा : आगरा धूलियागंज का रहने वाला 16 साल के शिवम शर्मा पर प्रेमानंद महाराज के प्रवचनों का जादू ऐसा चला कि वह संत बनने के लिए घर से बिना बताए प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए निकल पड़ा. तीन दिनों तक वृंदावन में रहा. प्रेमानंद जी के दर्शन किये. जब माता पिता को जानकारी हुई थी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज की और पुलिस ने छानबीन कर शिवम को खोज निकाला.
डेढ़ महीने से फोन में देख रहा था प्रेमानंद महाराज की रील्स
दसवीं क्लास का छात्र शिवम शर्मा धूलियागंज का रहने वाला है. पिता सुरेश शर्मा चाय की दुकान करते हैं. शिवम का एक छोटा भाई भी है और मां हाउसवाइफ है. डेढ़ महीने से शुभम अपने पिता के मोबाइल में इंस्टाग्राम पर प्रेमानंद जी महाराज की रील्स देखने लगा. रील्स ने उसके दिमाग पर ऐसी छाप छोड़ी कि वह प्रेमानंद महाराज के दिखाए रास्ते पर चलने के लिये घर से भाग गया. 9 तारीख की सुबह वह बिना घर में किसी को बताए प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए और उनसे दीक्षा लेने के लिए निकल पड़ा. दूसरे दिन शिवम को प्रेमानंद महाराज के दर्शन हुए. वहां उनके आश्रम में भी पहुंचा. आश्रम में ही रात गुजारी. इधर घरवाले बेहद परेशान थे.
अब माता-पिता की करेंगे सेवा
शिवम से जब पूछा गया कि प्रेमानंद जी महाराज की कौन सी बात उसे सबसे ज्यादा अच्छी लगती है, तो उसने कहा कि उनका जीवन परिचय उन्हें बेहद पसंद है. उनके द्वारा कही गई बातें उन्हें बहुत प्रभावित करती हैं. वे भक्ति मार्ग पर चलने की बात करते हैं. उन्होंने कहा है कि संसार की मोह माया छोड़कर मन को मजबूत करो. राधा रानी का जाप करो. शिवम का कहना है कि मुझे बंधनों से मुक्त होकर संत बनना है और प्रेमानंद जी से दीक्षा लेनी है.
घर से ₹500 लेकर निकल पड़ा शिवम, प्रेमानंद जी महाराज के हुए दर्शन
जब 16 साल के शिवम से पूछा कि वह प्रेमानंद जी महाराज से मिलने के लिए कैसे निकाला ? तो उसने बताया कि उसने पहले से ही प्लानिंग कर रखी थी. अपने पिता की दुकान से ₹1000 लिए ₹500 का उसके ऊपर कर्ज था. वह चुकाया और ₹500 लेकर बेलनगंज से रामबाग, रामबाग से ISBT, आईएसबीटी से मथुरा की बस में बैठकर गोवर्धन चौराहे पहुंचा . यहां से गोवर्धन की परिक्रमा की और उसके बाद प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन करने के लिए निकल पड़ा. एक आश्रम में पहुंचा जहां उसने रात गुजारी. उसी रात प्रेमानंद महाराज जी के दर्शन हुए.
जब शिवम लौटा घर तो माता-पिता की जान में आई जान
शिवम के पिता सुरेश सिंह का कहना है कि शिवम शुरुआत से ऐसा नहीं है. प्रेमानंद जी महाराज की रील्स देखकर वह इतना प्रभावित हुआ है. वृंदावन से आने के बाद उसका व्यवहार भी बदला बदला सा है. वह आध्यात्म से जुड़ी हुई बातें करता है. हालांकि अब समझाने के बाद खुद कहता है कि अब पहले मां-बाप की सेवा करेंगे, उसके बाद वह सन्यासी बनेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
October 13, 2024, 09:30 IST