ब्लड कैंसर के पहले पर शरीर में दिखने लगते हैं ये गंभीर लक्षण, जानें बचाव के लिए कौन से टेस्ट ज़रूर कराने चाहिए?

4 days ago 15
Blood Cancer Symptoms And Tests- India TV Hindi Image Source : SOCIAL Blood Cancer Symptoms And Tests

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से हर साल करीब 10 मिलियन लोगों की मौत होती है। यह मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है। कैंसर कई प्रकार के हैं इन्हीं में से एक यही ब्लड कैंसर, जिसे हेमेटोलॉजिक कैंसर के रूप में भी जाना जाता है। ब्लड कैंसर का नाम आते ही दिमाग में पहली चीज आती है मौत! लेकिन इस बीमारी के प्रति अगर आप जागरूक हो जाएं तो इलाज की मदद से बचा जा सकता है। ऐसे में नोएडा स्थित न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स में लैब प्रमुख डॉ. विज्ञान मिश्रा बता रहे हैं कि इस बीमारी के लक्षणों को कैसे पहचानें और ब्लड कैंसर का पता करने के लिए किन टेस्ट को कराना चाहिए

ब्लड कैंसर होने पर दिखने लगते हैं ये लक्षण:

  • थकान: लगातार थकान होना रक्त कैंसर के शुरुआती और सबसे आम लक्षणों में से एक है। यह थकान अक्सर गंभीर होती है और आराम करने से ठीक नहीं होती है।

  • बार-बार संक्रमण: रक्त कैंसर प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे बार-बार संक्रमण होता है। मरीज़ खुद को बार-बार होने वाले सर्दी, फ्लू या अन्य संक्रमणों के प्रति संवेदनशील पाते हैं।

  • आसानी से चोट लगना: आसानी से चोट लगना, बार-बार नाक से खून आना या मसूड़ों से खून आना रक्त कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। ऐसा प्लेटलेट्स की कमी के कारण होता है।

  • बढे हुए लिम्फ नोड्स: बढ़े हुए लिम्फ नोड्स, विशेष रूप से गर्दन, बगल या कमर में, लिम्फोमा का संकेत हो सकते हैं, जो रक्त कैंसर के प्रकारों में से एक है।

  • बुखार और रात में पसीना आना: बिना किसी कारण के बुखार और रात में पसीना आना भी रक्त कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं। ये लक्षण अक्सर आते-जाते रहते हैं और किसी स्पष्ट संक्रमण से जुड़े नहीं हो सकते हैं।

ब्लड कैंसर का पता करने के लिए इन टेस्ट को कराएं:

  • सीबीसी टेस्ट (Complete Blood Count): जब ब्लड कैंसर का संदेह होता है तो डॉक्टर शबे पहले सीबीसी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। CBC टेस्ट में रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं, सफ़ेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स के स्तर को मापता है। 

  • बोन मैरो बायोप्सी (Bone Marrow Biopsy): यह टेस्ट कैंसर या कोई अन्य बीमारी रक्त कोशिकाओं या मज्जा को प्रभावित कर रही है या नहीं यह पता लगाने में मदद करते हैं।  साथ ही यह भी पता चलता है कि बीमारी कितनी बड़ी है। बोन मैरो बायोप्सी में कूल्हे की हड्डी में सुई लगाकर जांच की जाती है। यह टेस्ट ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा के लिए महत्वपूर्ण है।

  • फ्लो साइटोमेट्री (Flow cytometry): यह टेस्ट खून या बॉन मैरो के नमूने में सेल्स के फिजिकल या केमिकल प्रॉपर्टीज़ को एनलाइज़ करता है। यह कैंसर सेल्स की सरफेस पर पहचान करने में मदद करता है, जिससे निदान में सहायता मिलती है।

  • इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests): इमेजिंग टेस्ट में, शरीर के जिन हिस्सों में लिम्फ नोड्स बढ़े हुए हैं उन हिस्सों का टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट में ट्यूमर या रक्त कैंसर के अन्य लक्षणों की जांच के लिए एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या पीईटी स्कैन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • साइटोजेनेटिक टेस्ट (Cytogenetic Testing): इस टेस्ट में व्यक्ति के रक्त, टिशू, बोन मैरो, का विश्लेषण किया जाता है ताकि आनुवंशिक असामान्यताओं की पहचान की जा सके।

Latest Health News

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article