Agency:News18 Rajasthan
Last Updated:January 21, 2025, 19:23 IST
Crop Protection Tips: राजस्थान में मौसम के उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. ऐसे में बारिश और कोहरे की संभावना है. इस मौसम में रबी फसलों में गेहूं, जो, चना आदि में कीट लगने की संभावना बढ़ जाती है. गेहूं और जो की फसलों क...और पढ़ें
यूरिया का छिड़काव करता किसान
नागौर. आने वाले दिनों में प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और घने कोहरे की संभावना है. ऐसे में फसलों में कीट और रोग के संक्रमण के निदान के लिए नियमित निगरानी करें. खेत में यदि खरपतवार है तो, उसे तुरंत हटा दें. कृषि विशेषज्ञ रामनिवास चौधरी ने बताया कि गेहूं और जौ की खड़ी फसल में दीमक नियंत्रण के लिए क्लोरपाइरीफोस 20% ईसी मात्रा 4 लीटर/80-100 किलोग्राम मिट्टी में मिलाकर एक हेक्टेयर में समान रूप से फैलाएं.
वहीं, जीरे की फसल में एफिड कीट की लगातार निगरानी करते रहें. कीट का प्रकोप दिखाई देने पर नियंत्रण के लिए डाइमिथोएट 30 ईसी एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से या ऐसीफेट 75 एसपी 750 ग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से छिडकाव करें.
चने में लगने वाले कीट का ऐसे करें नियंत्रण
चने में फली छेदक कीट के प्रारंभिक अवस्था में प्रबंधन के लिए हाथ से तोड़ाई करनी चाहिए. यदि चने की फली छेदक कीट का घनत्व 1/ एम 2 से अधिक है तो इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी मात्रा 0.5 मिली/लीटर पानी का छिड़काव करें. मैथी की फसल में फूल आने की अवस्था में सिंचाई करनी चाहिए. पाउडरी फफूंद रोग के नियंत्रण के लिए फसल में सेराथेन मात्रा 500 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें.
प्याज की रोपाई के लिए है अच्छा समय
इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई करें. रोपाई वाली पौध छह सप्ताह से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए. पौधों को छोटी क्यारियों में रोपें. वहीं, रोपाई से 10-15 दिन पूर्व खेत में 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद डालें. 20 किग्रा नत्रजन, 60-70 किग्रा फ़ॉस्फोरस तथा 80-100 किग्रा पोटाश आखिरी जुताई में डालें. पौधों की रोपाई अधिक गहराई में ना करें तथा कतार से कतार की दूरी 15 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखें.
मोजेक रोग का नियंत्रण बेहद जरूरी
मिर्च की फसल लीफ कर्ल और मोजेक रोग से प्रभावित हो सकती है. रोग के फैलाव को रोकने के लिए प्रभावित पौधों को उखाड़कर जला दें और डाइमेथोएट 30 ईसी मात्रा 1.0 मिली प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें. कद्दूवर्गीय सब्जियों के अगेती फसल की पौध तैयार करने के लिए बीजों को छोटे थैलों में भरकर पाली घरों में रखें. पॉली हाउस में ऊपरी वेंट बंद करें. पॉली हाउस के दोपहर में साइड के पर्दे 1-2 घंटे के लिए खोले जाने चाहिए.
Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
January 21, 2025, 19:23 IST
फसल में लगने वाले कीट का ऐसे करें प्रबंधन, स्वस्थ रहेंगे पौधे