फास्ट ट्रैक मोड में है सरकार, मंजूरी मिलने के एक हफ्ते में ही डील साइन

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Last Updated:February 06, 2025, 20:00 IST

PINAKA MUNATION DEAL: पिनाका की ताकत का बढ़ाने के तीन प्लान एडवंस स्टेज पर है. पहला है एरिया डिनायल म्यूनेश जिससे एंटी टैंक और एंटी पर्सनल माइन बिछाई जाएगी. दूसरा है इसका गाइडेड एक्सटेंडे रेंज. मौजूदा पिनाका रॉ...और पढ़ें

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स्वदेशी ताकत की सौगात

PINAKA MUNATION DEAL: भारतीय सेना के फायर पावर दुनियां के 145 देशों में टॉप 5 में है. भारत चौथे पयदान पर है. भारत के दो पड़सी और दुश्मन देश चीन एक पायदान उपर तीसरे नंबर पर है. पाकिस्तान 12 वे नंबर पर गिर गया है. भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाए रखने के लिए भारत सरकार बड़ी तेजी से काम कर रही है. खुद के हथियारों के लिए म्यूनेशन की खरीद भी बड़ी फस्ट ट्रक मोड पर है. पुछले बुधवार को ही भारत सरकार की सुरक्षा मामलो की कैबिनेट ने स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के घातक म्यूनेशन की खरीद को हरी झंडी दी थी. महज एक हफ्ते बाद ही उसका करार हो गया. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि यह म्यूनेशन स्वदेशी कंपनिंयो से खरीद की जा रही है. विदेशों से मंगवाना होता तो इसमें लंबा समय लग जाता.

पिनाका ने दो घातक म्यूनेशन
भारतीय सेना के पिनाका रेजिमेंट के लिए दो अलग अलग तरह के म्यूनेशन की खरीद पर करार हुआ. यह एम्यूनेशन है एरिया डिनायल म्यूनिशन (ADM) टाइप-1 (DPICM) दूसरा है हाई एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैग्मेंटेड (HEPF) Mk-1. 10,147 करोड़ रिपये के दो करारा दो अलग अलग कंपनियों से किए गए है. एक है इकॉनोमिक एक्सपलोसिव लिमिटेड और दूसरा है म्यूनेशन इंडिया लिमिटेड.

ADM टाइप-1 (DPICM)
DPICM का मतलब है ड्युअल पर्पज इंप्रूवाइजड कनवेशनल म्यूनेशन. जैसा की नाम से साफ हो रहा है कि एक साथ दो काम के लिए इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक है. यह एंटी टैंक और एंटी पर्सनल दोनों तरीके से काम कर सकता है. फायर होने के बाद जमीन से 1000 मिटर की उंचाइ पर म्यूनेशन लॉंच करता है. म्यूनेशन धीरे धीरे छोटे पैराशूट के जरिए नीचे जमीन की तरफ आता है. अगर टैंक के हार्ड सर्फेस पर यह गिरता है तो यह म्यूनेशन एंटी टैंक के तौर पर काम करने लगता है. उसके परखच्चे उड़ा देता है. अगर हार्ड सर्फेस ना मिला तो यह जमीन पर गिरता है तो यह एंटी पर्सनल म्यूनेशन की तरह काम करता है.यह सब म्यूनेशन में लगे सेंसर के जरिए होता है. किस रोल में म्यूनेशन को काम करना है यह सेंसर बताता है.

एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैग्मेंटेड (HEPF) Mk-1
सेना के लिए ज्यादा रेंज वाली प्री-फ्रेग्मेंटेड एम्युनिशन की खरीद को भी मंजूरी मिली है. हर रॉकेट में 21 हजार टंगस्टन बॉल भरी होती हैं. जब भी कोई रॉकेट दुश्मन के इलाके में दागी जाती है तो यह टंगस्टन बॉल बड़ी तेजी से बरसती है. इसकी चपेट में आने वाले किसी भी टैंक या सैन्य इंस्टॉलेशन को तहस नहस कर देती है. इंसान का बचना तो नामुमकिन है. इस रॉकेट की रेंज को बपड़ाया गया है. इसकी रेंज 40 से 45 किलोमीटर की है

First Published :

February 06, 2025, 20:00 IST

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