श्रीनगर गढ़वाल: पत्त्ता गोभी और फूल गोभी ठंड में उगने वाली सब्जियां हैं. नवंबर माह में किसान फूल गोभी और पत्त्ता गोभी की नर्सरी तैयार कर लेते हैं लेकिन इस समय नर्सरी में तैयार की गई पौध को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. कारण ये है कि इस समय ही इनमें सबसे अधिक रोगों के लगने का खतरा होता है. अगर किसान फूल गोभी और पत्त्ता गोभी को रोगों से बचाना चाहते हैं, तो वे कुछ दवाओं का छिड़काव कर नर्सरी को सुरक्षित कर सकते हैं.
कैसे करें पौध का बचाव
फूल गोभी और पत्त्ता गोभी को रोगों से बचाने को लेकर उद्यान विभाग के अपर प्रशिक्षण अधिकारी पुरूषोत्तम बडोनी से लोकल 18 ने बातचीत और उनसे जानने की कोशिश की तरह से किसान नर्सरी में तैयार पौध को बचा सकते हैं. उन्होंने बताया कि जब पौध नर्सरी में लगभग 4 सेंटीमीटर की हो जाये तब उसे रोगों और कीटों से बचाने के लिये फंगीसाइड्स का छिड़काव करना होता है. जिसमें डाइथेन एम 45 और बाविस्टिन का 1-1 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से पानी में मिलाकर स्प्रे करना होता है. इस दवा के छिड़काव से शुरुआती तौर पर ही नर्सरी में तैयार पौध रोग मुक्त रहती है.
इस समय करें कीटनाशक का छिड़काव
पुरुषोत्तम बडोनी आगे बताते हैं कि फूल गोभी और पत्त्ता गोभी की पौध को खेत में लगाने से पहले भी एक बार कीटनाशक का छिड़काव करना होता है. जब पौध लगभग 12 से 14 सेंटीमीटर की हो जाये, तो उसमें क्लोरिफास्ट का स्प्रे करना होता है. इसके 2 मिलीलीटर को 1 लीटर पानी के साथ मिलाना होता है. उसके बाद नर्सरी में तैयार पौध पर इसका स्प्रे करना होता है.
पौध लगाने के 40 दिन बाद फिर करें कीटनाशक का छिड़काव
कीटनाशक के छिड़काव के दो दिन बाद किसान नर्सरी में तैयार पौध को खेत में लगा सकते हैं. पौध लगाने के बाद चाहें तो किसान लगभग 40 दिन बाद एक कीटनाशक का स्प्रे और कर सकते हैं. इससे कीट लगने का खतरा नही रहता है. लेकिन पौध में सब्जी लगने के बाद किसी भी प्रकार के कीटनाशक का प्रयोग नही करना होता है. इस बात का विशेष ध्यान देना होता है. अगर ज्यादा जरूरी हो, तो जैविक कीटनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 13:51 IST