एक बाल्टी से 1500 रुपया से लेकर 2000 रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं.
गया:- गया जिला मशरूम उत्पादन का हब बनते जा रहा है. पूरे राज्य में मशरूम के उत्पादन में गया जिला अव्वल स्थान रहता है. पिछले कुछ वर्षों में जिले में हजारों किसान मशरूम की खेती करते हैं और इससे सीजन में अच्छी कमाई करते हैं. बिहार में पहली बार इस वर्ष नए कांसेप्ट के साथ जिले में मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है और बकेट मशरुम का कॉन्सेप्ट लाया गया है. यानी अब बाल्टी में मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है. इस बाल्टी की कीमत लगभग 500 रुपया है और एक बाल्टी से एक बार में 7 से 10 किलो तक मशरूम का उत्पादन होगा. इस बकेट में ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन होता है और इसकी कीमत बाजार में डेढ़ सौ रुपए से लेकर 200 रुपए प्रति किलो है. इस हिसाब से 500 रुपये की लागत में किसान एक बाल्टी से 1500 रुपया से लेकर 2000 रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं.
जिले के उद्यमी राजेश कुमार सिंह ने इस कांसेप्ट को लाया है. वो मशरूम उत्पादन के लिए बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं. राजेश कुमार सिंह गुरुआ प्रखंड के इटहरी गांव में मशरूम का प्लांट लगाकर रखे हुए हैं और उनके यहां सालों भर मशरूम का उत्पादन होता है. इन्होंने बुद्धा मशरूम के नाम से प्लांट स्थापित किया है और जिले में 500 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण देकर मशरूम का उत्पादन करवा रहे हैं. राजेश कुमार सिंह ने लोकल 18 को बताया कि हम पिछले 12 साल से मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. हमारी सोच है कि हर घर तक मशरूम पहुंचे इसके लिए हम लोग काम कर रहे हैं.
शहर के लोग भी कर सकते हैं उत्पादन
राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले कुछ सालों से बिहार पूरे देश में मशरूम उत्पादन में सबसे ऊपर है और उसे बरकरार रखने के लिए तथा आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए मशरूम उत्पादन एक बहुत ही बढ़िया साधन है. मशरूम के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हम लोग कृषि विभाग, एफपीओ के साथ मिलकर तरह-तरह के काम करते रहते हैं. इस साल बिहार में पहली बार बकेट मशरूम का कॉन्सेप्ट लाए हैं और इस बकेट में गांव और शहर के लोग भी आसानी से मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इन्होंने बताया कि पहले मशरूम के उत्पादन में प्लास्टिक का काफी उपयोग किया जाता था लेकिन बकेट मशरूम में लंबे दिनों तक मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं.
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7 से 10 दिन में होने लगता है उत्पादन
जिले के कई किसान इस कॉन्सेप्ट पर मशरूम का उत्पादन भी कर रहे हैं. बुद्धा मशरूम इकाई किसानों को 500 रुपया में रेडी टू ग्रो बकेट मशरूम उपलब्ध करा रही है, जिसमें 7 से 10 दिन में मशरूम निकलना शुरू हो जाता है. किसान इसकी गैस सिलेंडर के तर्ज पर रिफिलिंग भी करवा सकते हैं. जैसे ही मशरूम का उत्पादन खत्म हो जाता है, वह दोबारा 250 देकर इसमें मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं. इन्होंने बताया कि एक बाल्टी से लगभग 7 से 10 किलो तक मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है. यानी 500 रुपये के लागत में 1500 रुपया लेकर 2000 रुपया तक के मशरूम का उत्पादन किसान कर सकते हैं. जिले के बांके बाजार प्रखंड के दीघासीन गांव के रहने वाली कंचन कुमारी ने भी इस कॉन्सेप्ट के साथ मशरूम का उत्पादन कर रही हैं. कंचन पिछले साल से ही ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन कर रही हैं और इन्हें हर महीने 30 हजार रुपये की बचत हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 21, 2024, 17:05 IST