चरखी दादरी. कुश्ती के अखाड़े की एक अनुभवी खिलाड़ी और एक मुखर आवाज के तौर पर सत्ता के खिलाफ खड़ी होने वाली विनेश फोगाट जुलाना सीट से चुनाव जीत गईं. वह अब हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस की नवनिर्वाचित विधायक हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव के चर्चित चेहरों में शुमार फोगाट ने जुलाना से 6,015 वोट से अपना पहला चुनाव जीता है. काउंटिंग के दौरान सुबह फोगाट काफी मुश्किल रहीं क्योंकि वह कई बार बीजेपी के अपने प्रतिद्वंद्वी योगेश कुमार से पिछड़ीं या बराबरी पर रहीं, लेकिन चरखी दादरी की इस छोटे कद की खिलाड़ी ने अंतत: जीत हासिल कर ही ली. जुलाना सीट पर जहां फोगाट चतुष्कोणीय मुकाबले में घिरी थीं. पार्टी की निगाहें 2005 के बाद से पहली बार इस सीट को हासिल करने पर टिकी थीं. इस कड़े मुकाबले के बीच फोगाट की नजर राज्य में चुनाव जीतने वाली पहली महिला पहलवान बनने पर भी थी.
कुश्ती से संन्यास ले चुकीं फोगाट की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए. करीब डेढ़ माह पहले उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर राजनीति में एंट्री ली थी. कांग्रेस को सत्ता में वापसी का पूरा भरोसा था. बीजेपी सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही थी. हालांकि ऐसा हो न सका. बीजेपी ने अप्रत्याशित रूप से 48 हासिल की हैं. कांग्रेस को 37 सीटों पर संतोष करना पड़ा है.
फोगाट ने नौ साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था. हालांकि कुश्ती के खेल ने उन्हें संबल दिया. हाल में सम्पन्न पेरिस ओलम्पिक के घटनाक्रम ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से लगभग तोड़ दिया था. आखिरकार उन्होंने हार मान ली. फोगाट ने मान लिया कि अब वह इस खेल से नहीं लड़ सकतीं. फोगाट ने ‘राजनीति के अखाड़े’ के लिए खुद को तैयार किया और जीत का परचम लहराया. अब राजनीति के क्षेत्र में एक कद्दावर नेता के तौर पर उभरी हैं.
इससे पहले विनेश ने अपने शानदार करियर में दो विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक, दो एशियाई खेल पदक, जिसमें एक स्वर्ण पदक, आठ एशियाई चैंपियनशिप पदक और राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार तीन स्वर्ण पदक जीते हैं. कुल मिलाकर, फोगट ने 15 पदक जीते, जिनमें से पांच स्वर्ण पदक थे. इस पूरे सफर में, विनेश को अपनी मां का भरपूर सहारा मिला, लेकिन फोगाट परिवार के साथ उनके रिश्ते में खटास आई. उनके चाचा एवं द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर फोगाट तथा उनकी चचेरी बहनें गीता और बबीता फोगाट ने उन्हें निशाना बनाया.
तीनों ने कांग्रेस में शामिल होने के उनके फैसले की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. वहीं, विनेश फोगाट ने अपने बयानों पर चुप्पी साधे रखी और इसके बजाय जुलाना के मतदाताओं से जुड़ने पर ध्यान केंद्रित किया. और अब वह जुलाना सीट से विधायक बन गई हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 8, 2024, 22:16 IST