झांसी: भारतीय सेना ने झांसी के बबीना आर्मी फायरिंग रेंज में 17 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक आधुनिक तकनीक से लैस शस्त्रों द्वारा युद्धाभ्यास “स्वावलंबन शक्ति” का आयोजन किया . इस युद्धाभ्यास के माध्यम से बताया गया कि भारतीय सेना अब आधुनिक तकनीकी से लैस उपकरणों का प्रयोग करेगी. इसके साथ ही भारतीय सेना अब आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है. इस अभ्यास में सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप, स्वदेशी तकनीक के सेना के एकीकरण को प्रदर्शित किया गया. यहां बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास और लाइव-फायर अभ्यास के माध्यम से भविष्य की युद्ध रणनीतियों को आकार देने के लिए उठाए जा रहे कदम को प्रदर्शित किया गया.
इस युद्धाभ्यास में 1800 सैनिक और अधिकारी शामिल हुए. इसके साथ ही 210 बख्तरबंद वाहनों ने भी भाग लिया. इसके साथ ही 50 विशेष और हवाई उपकरणों का प्रयोग भी किया गया. इसके अलावा डीआरडीओ की प्रयोगशाला में तैयार किए गए रक्षा उपकरणों को भी युद्धाभ्यास में शामिल किया गया. युद्धाभ्यास के दौरान स्वार्म ड्रोन, कामिकाजे ड्रोन, लॉजिस्टिक ड्रोन जैमर, मोबाइल एडहॉक नेटवर्क सिस्टम, रोबोटिक म्यूल, ऑल टेरेन वाहन, लाइट आर्मर्ड मल्टीपर्पज व्हीकल, माइडेड प्रिसिजन एरियल डिलीवरी स्टिम, लेजर आधारित संचार प्रणाली निर्देशित ऊर्जा हथियार आदि शामिल किए गए.
स्वावलंबी होना हमारी प्राथमिकता
22 अक्टूबर को कराए गए युद्धाभ्यास में बताया गया कि किस प्रकार दुश्मनों के हमले से बचते हुए उन पर अटैक किया जाता है. इसके अलावा एयर फोर्स द्वारा हवाई हमले का भी प्रदर्शन किया गया. भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने बताया कि स्वावलंबन शक्ति अभ्यास आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है. उन्होंने आगे कहा कि, “भारतीय उद्योग के नवाचार हमारी क्षमताओं को बदल रहे हैं, और हम अपने परिचालन में उन्नत प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना जारी रखेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 15:03 IST