भरतपुर : 28 साल बाद भरतपुर का अजान बांध आखिरकार भर गया है. इस बांध के बीचो-बीच बसा है कपरौली गांव. जो आज एक आइलैंड में तब्दील हो चुका है. यहां लगभग 80 घर हैं. जो अब अजान बांध के पानी से चारों ओर घिरे हुए हैं. गांव की यह स्थिति गांव वालों के लिए एक नया अनुभव लेकर आई है. अब इस गांव के लोगों के लिए शहर की मुख्य सड़क तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता नाव है. जो अब इनके जीवन का एक हिस्सा बन चुकी है. अब कपरौली के लोग अपनी दैनिक जरूरतों का सामान लाने के लिए नावों का सहारा लेते हैं.
गांव के एक ही स्थानीय निवासी संदीप कुमार ने लोकल 18 को बताया की पहले हम आसानी से सड़क से सामान लाते और ले जाते थे लेकिन अब अजान बांध से आए हुए पानी से गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है. इस वजह से अब गांव के लोगों को शहर के मुख्य रास्तों तक नावों का सहारा लेना पड़ रहा है. गांव के स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस तरह के हालात पहले 1996 में हुऐ थे. तब प्रशासन ने उन्हें आवागमन के लिए बड़ी-बड़ी नावें थी लेकिन इस बार प्रशासन ने गांव की तरफ कोई ध्यान भी ही नहीं दिया है. इस बार बस प्रशासन की तरफ से उनके लिए दो छोटी-छोटी नावे ही दी गई है. उन्हीं के जरिए गांव के लोग अपनी जरूरत का सामान ला रहे हैं.
इस बदलाव ने गांव की दिनचर्या को पूरी तरह से बदल दिया है. अब हर दिन गांव वाले नावों पर सवार होते हैं, जिससे वे मेन रोड तक पहुंचते हैं. अब गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ होने की वजह से गांव के बच्चों को स्कूल जाने में परेशानियां होती हैं. बड़े बच्चे तो जैसे तैसे कर नाव से स्कूल चले जाते हैं. लेकिन छोटे बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है. क्योंकि गांव का जो रास्ता था वह पानी में पूरी तरह से डूबा गया है. साथ ही गांव का रास्ता कच्चा होने की वजह से वह पानी में ही बह गया है.
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FIRST PUBLISHED :
September 23, 2024, 23:45 IST