बागेश्वर की पहचान है "पाठक जी की चाय"! जानिए इसे बनाने का तरीका

2 hours ago 1

X

बागेश्वर

बागेश्वर की फेमस चाय की दुकान 

Bageshwar News: बागेश्वर में पाठक जी की चाय की दुकान 50 साल से लोगों की पसंदीदा है. यहां पर मिलने वाली चाय में पहाड़ी ...अधिक पढ़ें

  • Editor picture

बागेश्वर: चाय का पहाड़ के लोगों के साथ गहरा रिश्ता है. बिना चाय के पहाड़ के लोगों की न तो सुबह होती है और न ही शाम. वैसे तो पहाड़ में हर घर की चाय में स्वाद है, लेकिन बागेश्वर में एक ऐसी चाय की दुकान है, जिसकी चाय के लोग दीवाने हैं. इस दुकान को “पाठक जी की चाय की दुकान” के नाम से जाना जाता है.

दुकान का संचालन
लोकल 18 से बातचीत करते हुए शेखर चंद्र पाठक बताते हैं कि वह और उनके तीन भाई मिलकर वर्तमान में दुकान चला रहे हैं. किसी जमाने में उन्होंने पिताजी के साथ एक रुपये की एक कप चाय बेची थी और आज एक कप चाय को 10 रुपये में बेच रहे हैं.

चाय की दुकान की शुरुआत
बागेश्वर में आज से 50 वर्ष पहले इस दुकान की शुरुआत दया कृष्ण पाठक ने की थी. करीब 20 सालों तक उन्होंने यह दुकान चलाई. उसके बाद अब उनके चार बेटे इस दुकान को 30 सालों से संभाल रहे हैं. दुकान की शुरुआत चाय बेचने से की गई, तब चाय के साथ आलू और चने भी बनाए जाते थे.

संजीवनी से कम नहीं है यह पहाड़ी सब्जी, कैंसर और गठिया सहित कई बीमारियों में है लाभकारी, एक्सपर्ट से जानें फायदे

चाय फेमस होने का सफर
बागेश्वर में धीरे-धीरे लोगों को पाठक जी के हाथ की चाय का स्वाद खूब भाने लगा और उनकी चाय की दुकान अच्छी चलने लग गई. समय बीतता गया और समय के साथ पाठक जी की चाय की दुकान बागेश्वर की सबसे फेमस चाय की दुकान बन गई. वर्तमान में रोजाना पाठक जी की दुकान पर 300 से 400 लोग चाय पीकर जाते हैं. दुकान का संचालन शेखर चंद पाठक समेत भुवन चंद पाठक, उमेश पाठक और घनश्याम पाठक आपस में मिलकर कर रहे हैं.

चाय की दुकान के खुलने का समय
चाय की दुकान खोलने का समय सुबह 3:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक है. वर्तमान में चाय के साथ ही यह चारों भाई नाश्ता भी परोस रहे हैं. नाश्ते में पूरी, पराठे, छोले, रोटी-सब्जी परोसी जाती है. अगर आपको भी पाठक जी के हाथ की चाय का स्वाद चखना है, तो आप जिला अस्पताल रोड पर श्रीनौला के समीप जाकर पाठक जी के हाथ की चाय का स्वाद ले सकते हैं.

चाय बनाने का तरीका
पाठक जी बताते हैं कि चाय को पहाड़ी जायका देने के लिए इसमें पहाड़ी मसाले के रूप में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही, गांव से आए हुए दूध से चाय बनाई जाती है. चाय बनाने के लिए पानी को पहले से ही गर्म रखा जाता है. ग्राहक आने पर गर्म पानी में चाय पत्ती और अदरक मिलाकर उसे पकाने दिया जाता है. पानी में चाय का रंग घुलने के बाद उसमें दूध डाला जाता है. फिर चाय को अच्छे से पांच से छह बार उबाल आने तक पकाया जाता है. इसके बाद ग्राहक को चाय परोसी जाती है, और ग्राहक खुशी-खुशी चाय की चुस्कियां लेकर राहत की सांस लेता है.

Tags: Bageshwar News, Local18, Special Project, Uttarakhand news

FIRST PUBLISHED :

September 28, 2024, 16:26 IST

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article