बिलासपुर का खोवा बाजार: 50 साल का इतिहास, स्वाद की अनूठी विरासत!

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बिलासपुर का खोवा बाजार, 50 सालों का है इतिहास 

बिलासपुर: शहर के प्रमुख स्थलों में शुमार गोल बाजार में स्थित खोवा बाजार बिलासपुर की सांस्कृतिक और खानपान की धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा है. यह विशेष बाजार वर्षों से अपनी अनूठी पहचान बनाए हुए है, जहां खोवा का व्यापार पीढ़ियों से फल-फूल रहा है. यहां स्थित करीब 15 दुकानों में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के व्यापारी खोवा बेचने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा, यहां का मिक्स केक भी शहर वासियों के बीच बेहद लोकप्रिय है, जो राजस्थान के अलवर से मंगवाया जाता है.

खासकर दीवाली के मौके पर, जब पूरे बाजार में चहल-पहल होती है, बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक खोवा और मिक्स केक का आनंद लेने के लिए यहां आते हैं. इस बाजार की मिठास और यहां के उत्पाद न सिर्फ शहर वासियों की चाहत को पूरा करते हैं, बल्कि बिलासपुर की खान-पान संस्कृति की समृद्धि को भी दर्शाते हैं. खोवा बाजार, अपने पारंपरिक व्यापार और समृद्ध खानपान विरासत के साथ, बिलासपुर शहर की पहचान को आज भी मजबूती से थामे हुए है.

मिलावट का दुष्प्रचार एक बड़ी समस्या
हालांकि, खोवा बाजार को एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है – मिलावट का दुष्प्रचार. इससे व्यापारियों की आजीविका और उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य दोनों खतरे में पड़ सकते हैं. दुष्प्रचार के कारण ग्राहक खोवा की शुद्धता पर संदेह कर रहे हैं, जिससे बाजार में विश्वास की कमी हो रही है. इस नकारात्मकता का प्रभाव व्यापार पर पड़ रहा है और लोग यहां से खरीदारी करने से हिचकिचा रहे हैं.

नई पीढ़ी का जुड़ाव कम होना
इस बाजार के प्रचार-प्रसार की कमी के चलते आज की युवा पीढ़ी इस धरोहर से दूर होती जा रही है.युवाओं को डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक जानकारी मिलती है, लेकिन इस बाजार के बारे में उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती. नतीजतन, वे इस बात से अनजान हैं कि यहां ताजा और शुद्ध खोवा मिलता है. साथ ही, बाजार में आधुनिक सुविधाओं का अभाव भी इसे नई पीढ़ी के लिए कम आकर्षक बनाता है.

खोवा बाजार का इतिहास
बाजार के इतिहास की बात करें तो, लोकल 18 से बात करते हुए खोवा व्यापारी प्रहलाद ठाकुर बताते हैं कि करीब 50 साल पहले गांवों से दूध की आपूर्ति न होने की वजह से ग्रामीण दूध से खोवा और घी जैसे उत्पाद तैयार करने लगे. तब व्यापारी ग्रामीण इलाकों जैसे मरवाही, अचानकमार और खुड़िया से खोवा लाकर शहर में बेचा करते थे. धीरे-धीरे, गोलबाजार में इस क्षेत्र में खोवा के व्यापार की नींव रखी गई. आज यह बाजार पूरे जिले में खोवा और मिक्स केक की आपूर्ति के लिए प्रसिद्ध है.

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दुष्प्रचार पर भरोसा न करें
प्रहलाद ठाकुर, एक खोवा व्यापारी, का कहना है कि ग्राहकों को दुष्प्रचार पर ध्यान नहीं देना चाहिए. खोवा बाजार में वर्षों से गुणवत्ता बनाए रखी जा रही है और यहां के व्यापारी पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं. वहीं, अभिषेक गुप्ता, खोवा व्यापारी, बताते हैं कि आज भी दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग खोवा लेने के लिए बाजार में आते हैं.यहां की गुणवत्ता और ताजगी पर ग्राहकों का विश्वास अटूट है.

गुणवत्ता और ताजगी हमारी प्राथमिकता
आदर्श साहू, एक अन्य खोवा व्यापारी, का कहना है कि यह बाजार अपनी तरह का एकमात्र स्थान है, जहां शुद्ध और गुणवत्तायुक्त खोवा कम कीमत पर मिलता है. ग्राहक संतुष्टि उनकी प्राथमिकता है.

Tags: Bilaspur news, Chhattisgarh news, Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED :

October 23, 2024, 16:39 IST

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