बेटे को बनाना अफसर...बेटी को डॉक्टर, मरते-मरते पति को बताई आखिरी इच्छा, Video

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सुनीता 

सुनीता 

मुजफ्फरपुर:- जिले के चर्चित किडनी कांड की पीड़ित सुनीता की सोमवार को SKMCH में इलाज के दौरान मौत हो गई. सुनीता 25 महीने से वहां भर्ती थी. सुनीता सकरा थाना क्षेत्र के बाजी राउत गांव की रहने वाली थी और वहीं सकरा थाना क्षेत्र के मथुरा पुर में उसका ससुराल था. वहां अपने पति और तीन बच्चों के साथ खुशी-खुशी परिवार में रहती थी. लेकिन एक झोलाछाप डॉक्टर ने उसके परिवार के खुशियों को मातम में बदल दिया.

दरअसल 11 जुलाई 2022 को सुनीता देवी के पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद उसे इलाज के लिए डॉक्टर पवन कुमार के क्लिनिक लाया गया. डॉक्टर ने उसे गर्भाशय निकालने के लिए ऑपरेशन की सलाह दी. बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लिनिक में 3 सितंबर 2022 को सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था, जो झोलाछाप डॉक्टर पवन कुमार ने किया था. इसके बाद उसने सुनीता की किडनी ही निकाल ली थी. झोला छाप डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए 30 हजार रुपए भी लिए थे. तबसे उसका इलाज SKMCH में चल रहा था. सुनीता की तबीयत 15 दिनों से ज्यादा बिगड़ गई थी. लगातार डायलिसिस करनी पड़ रही थी. Skmch के डॉक्टर का कहना है कि सुनीता का बीपी लो हो गया था. उसे बढ़ाने के लिए दवा भी दी गई, लेकिन बचाया नहीं जा सका.

जाते-जाते पत्नी ने कही ये बात
सुनीता के पति अकलू राम ने लोकल 18 को बताया कि सुनीता ने जाते-जाते मुझे अपनी आखिरी इच्छा बताई. वो बोली कि बाल-बच्चों को पढ़ाना है और बच्चों के माता-पिता अब तुम्ही हो और तुम्ही को संभालना है. यह बात सुनीता ने मरने से दो दिन पहले बोली थी. हम 24 घंटा साथ में रहते थे. मेरे हाथ का खाना उसको ज्यादा पसंद था. हम मेडिकल में काम भी करते थे और मजदूरी करते थे. 300 के रोज पर लगभग 6 से 7 महीना काम किए. उसके बाद टेंपो लिए भाड़ा पर उसको चलाए, उसी से कमाते थे और उसी में बच्चों को पढ़ाते थे. हम अपनी पत्नी के साथ रहते थे. सुनीता के पति ने सरकार से अपने बच्चों के पढ़ाई-लिखाई में मदद की मांग की है.

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मुख्य आरोपी फरार, संचालक को पुलिस ने पकड़ा
बता दें कि किडनी कांड के मुख्य आरोपी डॉ. आरके सिंह को पुलिस अबतक गिरफ्तार नहीं कर पायी है. वहीं घटना के कुछ दिन बाद ही पुलिस दबिश के कारण निजी अस्पताल के संचालक पवन कुमार ने समर्पण कर दिया था और अभी वह जेल में है. इस मामले में अस्पताल संचालक डॉ. पवन कुमार को दोषी करार देते हुए अलग-अलग धाराओं में सात साल के सश्रम कारावास की सजा मिल चुकी है. वहीं इस मामले के मुख्य आरोपित डॉ. आरके सिंह अब तक फरार हैं. उसके विरुद्ध कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. विशेष कोर्ट ने उसके मामले को अलग कर दिया है.

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FIRST PUBLISHED :

October 23, 2024, 11:40 IST

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