रबी सीजन में इसकी खेती के लिए नवंबर महीना काफी उपयुक्त समय है
कुंदन कुमार/ गया: किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में नवाचार लाने के उद्देश्य से सरकार ने बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है. गया जिले में रबी सीजन के दौरान बड़े पैमाने पर इनकी खेती की जाएगी। किसानों को इस बार 100% सब्सिडी पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा.
पिछले साल ट्रायल में मिली सफलता
गया के कृषि विभाग ने पिछले वर्ष ट्रायल के तौर पर 24 प्रखंडों में बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती कराई थी. किसानों को सब्सिडी पर बीज और कृषि पाठशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया. इस ट्रायल में किसानों को बेहतरीन परिणाम मिले. उत्पादन न केवल उम्मीदों पर खरा उतरा, बल्कि किसानों को सामान्य मक्का की तुलना में तीन गुना अधिक मुनाफा भी हुआ.
रबी सीजन में खेती के लिए उपयुक्त समय
जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि नवंबर का महीना रबी सीजन के दौरान बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है. इस समय की गई खेती से बेहतर उत्पादन की संभावना रहती है. किसानों के बीच इन फसलों की खेती को लेकर उत्साह देखा जा रहा है.
बेबी कॉर्न: पोषण से भरपूर और लाभदायक फसल
बेबी कॉर्न मक्का की प्रारंभिक अवस्था होती है, जिसे शिशु मक्का भी कहा जाता है. फसल तैयार होने के बाद 45-50 दिन में इसका उत्पादन हो जाता है.
– एक साल में कई फसलें: किसान एक वर्ष में 4-5 फसलें उगा सकते हैं.
– चारे की भी व्यवस्था: बेबी कॉर्न की फसल के बाद शेष पौधों का उपयोग पशुओं के लिए हरे चारे के रूप में किया जा सकता है.
– पौष्टिक गुण: इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसे कच्चा या पका कर खाया जा सकता है.
बाजार में बढ़ी मांग, होटल्स में उपयोग
बेबी कॉर्न की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसका बाजार तेजी से विकसित हो रहा है. बोधगया और गया के बड़े होटलों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. सब्जी बनाने के लिए इसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.
किसानों के लिए लाभदायक सौदा
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती से किसानों को सामान्य मक्का की खेती की तुलना में तीन गुना अधिक मुनाफा होता है.
– सरकार की योजना: इस साल इच्छुक किसानों को 100% सब्सिडी पर बीज दिया जाएगा.
– प्रशिक्षण: किसानों को खेती की तकनीकों के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
जिला कृषि पदाधिकारी का बयान
जिला कृषि पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने लोकल 18 को बताया कि ट्रायल में मिली सफलता के बाद अब इसे बड़े स्तर पर शुरू किया जा रहा है. इससे किसानों की आय दो से तीन गुना तक बढ़ेगी. सरकार की इस पहल से गया जिले के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिलेगा.
बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती ने गया जिले में एक नई उम्मीद जगाई है. किसानों के लिए यह न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि इससे कृषि क्षेत्र में नवाचार भी हो रहा है. सरकारी सब्सिडी और प्रशिक्षण के चलते इस पहल से किसानों को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है.
Tags: Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 13:33 IST