बेहद कमाल का है यह पौधा, इसमें दिखते हैं साक्षात भगवान गणेश, जानें महत्व

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आक

आक का पौधा.

अंकुर सैनी/सहारनपुर: भारत में औषधीय पौधों की सात हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनका आयुर्वेद में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पूजापाठ में काफी महत्व है. साक्षात गणेश जी इस पेड़ में नजर आते हैं. हम बात कर रहे हैं आक के पेड़ की. पूजापाठ से लेकर आयुर्वेद में इस पेड़ का काफी महत्व है. इस पेड़ को मदार’, आक, ‘अर्क’ और अकौआ भी कहते हैं. ध्यान से देखा जाए तो आक के फूल और जड़ में गणेश जी की मूरत बनी हुई दिखाई देती. जबकि मनुष्य के शरीर की सभी बीमारियों को दूर करने में भी आक के पेड़ के फूल, पत्तों से लेकर जड़ तक आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है.

इस पेड़ पर गणेश भगवान देते है दिखाई

महामंडलेश्वर कमल किशोर ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि हिन्दू धर्म में 27 नक्षत्र और 12 राशियां मानी जाती हैं. सभी नक्षत्रों के राजा भगवान सूर्य को माना जाता है और भगवान सूर्य का पौधा आक का पौधा माना जाता है. इसको भगवान शिव का पौधा भी कहा जाता है. महामंडलेश्वर कमल किशोर बताते हैं कि अगर इसके फूलों को ध्यान से देखा जाए तो इसमें भगवान गणेश स्वयं बैठे हुए दिखाई देते हैं. जिसमें उनके ऊपर ताज, सूंड, आंख सब बना हुआ दिखाई देता है. साथ ही पेड़ की जड़ भी निकाली जाए तो उसमें भी भगवान गणेश की एक दांत, सूंड, आंखें आपको बनी हुई दिखाई देंगी. इसलिए आक के फूलों को बड़ी श्रद्धा के साथ तोड़ा जाता है और भगवान शिव को चढ़ाया जाता है. साथ ही आक के पेड़ का पत्ता भी भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है. महामंडलेश्वर कमल किशोर बताते हैं कि इस पेड़ के दूध का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसको विश माना जाता है, उसका केवल आयुर्वेदिक दवाइयों में ही इस्तेमाल किया जाता है. आक के पेड़ को घर के बाहर की ओर उत्तर दिशा में लगाना चाहिए.

आक के पेड़ का आयुर्वेदिक दवाइयों में होता है इस्तेमाल

आयुर्वेद डॉक्टर हर्ष ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि आक के पौधे को (Calotropis gigantea) कहा जाता है. इसका सबसे अधिक इस्तेमाल रेस्पिरेटरी सिस्टम के डिसऑर्डर्स में यानी कि  खांसी, दमा, सांस की बीमारी, हाजमा, गठिया बाय, जोड़ों के दर्द, दिल की दवाइयों में, दांतों के दर्द में, घाव भरने में, मिर्गी, डायरिया सहित मानसिक विकारों में किया जाता है.

Tags: Hindi news, Local18, Religion 18

FIRST PUBLISHED :

October 4, 2024, 13:05 IST

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