माता सीता को धुड़ते हुए भगवान राम और लक्ष्मण पहुँचे थे इस जगह
Walkeshwar Temple Mumbai: भारत में बहुत सारे मंदिर हैं. लेकिन मुंबई का एक मंदिर बहुत खास है. मान्यता है कि खुद भगवान राम ने इस मंदिर में शिवलिंग बनाया था. मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इसी बारे में विस्तार से जानने के लिए लोकल 18 ने बात की मंदिर के पुजारी से. आइए जानते हैं उन्होंने वाल्केश्वर मंदिर के बारे में क्या-क्या बताया.
मुंबई के वाल्केश्वर मंदिर की कहानी
मुंबई में स्थित वाल्केश्वर मंदिर का इतिहास बड़ा ही पुराना और रोचक है. इस मंदिर के मुख्य पुजारी लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जब सीता जी को खोजने के लिए निकले तो इसी मंदिर में पहुंचे थे. यहां उन्होंने भगवान शिव का शिवलिंग बनाकर पूजा की. जल चढ़ाने के लिए पानी का कोई जरिया ना होने पर उन्होंने तीर मार कर गंगा उत्पन्न कर दी और उसका मीठा जल श्री राम ने शिवलिंग पर चढ़ाया. भगवान राम ने जिस जगह पानी उत्पन्न किया था तब से ले कर अब तक यह जगह बाणगंगा नाम से जानी जाती है.
मुंबई की काशी नाम से मशहूर
शिलहार राजाओं ने 810 से 1260 ईस्वी के बीच इसके चारों तरफ ऊंची बैठकों वाली सीढ़ीनुमा रंगभूमि का निर्माण करवाया. बाणगंगा में ठीक सामने वाल्केश्वर मंदिर है. इसी मंदिर की बहुत ज्यादा मान्यता है. यहां हर रोज हजारों भक्त दर्शन के लिए आते है. इस जगह को मुंबई की काशी नाम से भी जाना जाता है.
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ऐसी भी है मान्यता
मान्यता ऐसी भी है कि जब भगवान श्री राम को बहुत प्यास लगी थी. दूर-दूर तक समंदर होने के कारण हर तरफ खारा पानी था. प्यास बुझाने के लिए भगवान श्री राम ने बाण चला कर गंगा को स्वयं यहां प्रकट कर दिया और अपनी प्यास बुझाई थी. Local 18 से इस मान्यता पर रोशनी डालते हुए मुख्य पुजारी बताते हैं कि भगवान श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे. उन्होंने शिव भगवान की पूजा करने के बाद स्वयं भी जल पिया होगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 16:40 IST
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