भारत को रास आई मस्‍क की नेता‍गिरी! UN दफ्तर पहुंचकर US के दुश्‍मन-1 से की बात

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भारत को रास आएगी एलन मस्‍क की नेता‍गिरी! ट्रंप के जीतते ही पहुंचे UN दफ्तर, अमेरिका के दुश्‍मन-1 से है कनेक्शन

नई दिल्‍ली. हमने और आपने एलन मस्‍क का बिजनेस टाइकून वाला अवतार तो देखा ही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स यानी EV  के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले मस्‍क अब प्राइवेट स्‍पेस इंडस्‍ट्री में भी शानदार काम कर रहे हैं. डोनल्‍ड ट्रंप 2.0 से नेतागिरी में डेब्‍यू करने जा रहे मस्‍क अब एक और क्रांतिकारी काम करते नजर आ रहे हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मस्क ईरान-अमेरिका के बीच टेंशन खत्‍म करने में लगे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को वो यूनाटेड नेशन में ईरान के राजदूत से मिले. मस्‍क पॉलिटिशियन के तौर पर अपने इस डेब्‍यू में कितना कामयाब होंगे, ये तो वक्‍त ही बताएगा लेकिन ईरान-अमेरिका के बीच अगर रिश्‍ते सुधरते हैं तो इसका फायदा भारत को जरूर होगा.

अखबार ने ईरानी सूत्रों के हवाले से दावा किया कि सोमवार को एक गुप्त स्थान पर एक घंटे तक एलन मस्‍क और ईरानी राजदूत के बीच बैठक चली. एलन मस्‍क अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्‍ड ट्रंप के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे थे. दावा किया जाता है कि विश्‍व नेताओं के साथ ट्रंप की बातचीत के दौरान भी मस्‍क साथ मौजूद रहे थे. ट्रम्प ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर किए गए समझौते को तोड़ दिया था. यह समझौते बराक ओबामा की सरकार के दौरान किए गए थे. जिसके बाद से ही ईरान और अमेरिका के बीच दूरियां काफी ज्‍यादा बढ़ गई थी.

कासिम सुलेमानी की हत्‍या…
एलन मस्‍क और भारतीय मूल के विकेक रामास्‍वामी को डोनाल्‍ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान संयुक्‍त रूप से डिपार्टमेंट ऑफ एफिशिएंसी की कमान सौंपी है. इसके तहत उनका काम गैर-जरूरी ब्‍यूरोक्रेसी को खत्‍म कर सरकारी खर्चे में कमी लाना है. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान ही ईरान के सेना प्रमुख कासिम सुलेमानी को अमेरिकी सेना ने बगदाद में मौत के घाट उतार दिया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए थे.

भारत को क्‍या है फायदा?
उधर, भारत के लिहाज से समझें तो अमेरिका-ईरान के रिश्‍ते में सुधार हमारे लिए काफी कारगर है. पिछले कुछ सालों में कई मौकों पर ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध का खामियाजा भारत को भी उठाना पड़ा है. भारत के ईरान में काफी हित हैं. ईरान चाबहार पोर्ट का निर्माण भारत सरकार कर रही है. पाकिस्‍तान भारत को सीधे सेट्रेल एशिया तक पहुंच प्रदान नहीं करता है। ऐसे में ईरान के रास्‍ते भारत सेंट्रल एशिया से ट्रेड करता है. उधर, अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण भी अक्‍सर भारत को ईरान से कच्‍चा तेल खरीदने में काफी ज्‍यादा दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है.

Tags: Donald Trump, Elon Musk, Iran news

FIRST PUBLISHED :

November 15, 2024, 08:28 IST

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