भारतीयों की लगी लॉटरी, जर्मनी में बिना डिग्री के मिलेंगी नौकरी

6 days ago 2

Germany Jobs : यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी विदेशी कामगारों की जरूरत है. इसके लिए यह भारत की ओर देख रहा है. भारतीय वर्किंग प्रोफेशनल्स, विशेषकर इंजीनियरों को आकर्षित करने के लिए जर्मनी ने अपनी ब्लू कार्ड पॉलिसी में अहम बदलाव किए हैं.

जर्मनी ने जटिल वीजा प्रक्रिया और अत्यधिक वेतन सीमा से परेशान विदेशी वर्किंग प्रोफेशनल्स का दर्द सुन लिया है. नई ब्लू कार्ड पॉलिसी स्किल्ड वर्कर्स के जर्मनी में रहने और काम करने के दरवाजे खोलने वाली है. नई पॉलिसी साल 2025 से प्रभावी होगी. इससे सबसे बड़ा फायदा भारतीयों को होने वाला है.

क्या है ईयू ब्लू कार्ड ?

ब्लू कार्ड विदेशी कामगारों के लिए यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों में काम करने और रहने का परमिट है. इसे ईयू के 27 में से 25 देश मान्यता देते हैं. यह अमेरिका के ग्रीन कार्ड की तरह की परमिट है. हालांकि अमेरिका का ग्रीन कार्ड सिर्फ अमेरिका में ही वैलिड है. ईयू का ब्लू कार्ड हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स को मिलता है. यह एक बार में चार साल के लिए होता है. इसके बाद रिन्यू कराना पड़ता है. ब्लू कार्ड मिलने के बाद यूरोपीय देशों की नागरिकता भी हासिल की जा सकती है.

जर्मनी की ब्लू कार्ड पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव

आइए जानें कि नई ब्लू कार्ड पॉलिसी किस तरह भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के लिए फायदेमंद है-

न्यूनतम वेतन सीमा – नई ब्लू कार्ड पॉलिसी में न्यूनतम वेतन सीमा काफी कम कर दी गई है. अब सालाना न्यूनतम 45,300 यूरो की सैलरी वाले प्रोफेशनल्स को भी ब्लू कार्ड मिल सकेगा. यह जर्मनी के औसत वेतन का लगभग 1.5 गुना है. आईटी, स्वास्थ्य सेवा और इंजीनियरिंग जैसे मांग वाले पेशों के लिए, न्यूनतम वेतन आवश्यकता 41,041.80 यूरो ही है. इस बदलाव से भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के लिए ब्लू कार्ड प्राप्त करना आसान हो जाएगा.

प्रोफेशन की लिस्ट- जर्मनी विभिन्न क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों की तलाश कर रहा है, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा, आईटी और इंजीनियरिंग में. उसने ब्लू कार्ड के लिए जरूरी प्रोफेशन की लिस्ट कई नए क्षेत्रों को शामिल किया है. इसका मतलब है कि यूरोप में जॉब करने के इच्छुक भारतीयों के लिए अधिक अवसर.

फ्रेशर ग्रेजुएट की मांग – आपने यदि पिछले तीन साल में ग्रेजुएशन पूरा किया है, तो आप किसी भी क्षेत्र में न्यूनतम 41,041.80 यूरो सैलरी के साथ ब्लू कार्ड के लिए योग्य हो सकते हैं. यह ग्रेजुएट भारतीय युवाओं के लिए विदेश में करियर शुरू करने का शानदार मौका है.

डिग्री के बिना आईटी प्रोफेशनल्स के लिए अवसर- क्या आपके पास स्किल है, लेकिन डिग्री नहीं ? कोई बात नहीं! जर्मनी प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस का महत्व जानता है. कम से कम तीन साल के वर्क एक्सपीरियंस वाले ऐसे आईटी प्रोफेशनल्स भी ब्लू कार्ड के लिए योग्य हो सकते हैं, जिनके पास कोई डिग्री नहीं है.

आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना- जर्मनी आवेदन प्रक्रिया को भी सरल बना रहा है, जिसका मतलब है कम कागजी कार्रवाई और तेजी से प्रोसेसिंग. इससे जर्मनी में अपनी यात्रा शुरू करने के इच्छुक लोगों के लिए ट्रांजिशन को सुगम बनाया जा रहा है, जिससे प्रोफेशनल्स अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकें.

जर्मनी क्यों टेक टैलेंट को कर रहा आकर्षित

कई यूरोपीय देशों की तरह जर्मनी भी स्किल्ड वर्किंग प्रोफेशनल्स की कमी का सामना कर रहा है. तेजी से वृद्ध होती जनसंख्या और बढ़ती तकनीकी प्रगति के साथ जॉब मार्केट के गैप को भरने के लिए स्किल्ड प्रोफेशनल्स की जर्बदस्त डिमांड है.

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Tags: Abroad Education, Job and career, Jobs news

FIRST PUBLISHED :

November 15, 2024, 07:54 IST

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