हाथ से कारीगरी कर जरी-जरदोजी का फ्रेम महंगे दाम में बिकता है.
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल अपने समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है. यहां के बाजारों में स्थानीय हस्तशिल्प का अनूठा प्रदर्शन देखने को मिलता है. इस सबके बीच, एक खास कारीगरी ने भोपाल के निवासियों और बाहरी पर्यटकों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है. यह जरी-जरदोजी का बेहतरीन काम है, जो कपड़े पर हाथों से बारीकी से किया जाता है और उसे खूबसूरत फ्रेम में सजाया जाता है. इस कला की खूबसूरती इतनी है कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इसे एक नजर में देख कर मुग्ध हो गई थीं और इसे खरीदने से खुद को रोक नहीं पाईं.
क्या है जरी-जरदोजी की कला?
जरी-जरदोजी की कारीगरी, कपड़ों पर की जाने वाली एक पारंपरिक कला है, जिसमें सुनहरे और चांदी जैसे धागों का उपयोग कर सुंदर डिजाइनों का निर्माण किया जाता है. आमतौर पर इस कला का उपयोग शाही वस्त्रों पर किया जाता था, लेकिन भोपाल के कारीगरों ने इसे एक नए रूप में ढाला है. अब यह कला खूबसूरत फ्रेम्स में जड़कर घरों की सजावट का हिस्सा बन गई है. इन फ्रेम्स की खासियत है कि इन्हें पूरी तरह से हाथ से बनाया जाता है, जिसमें बेहद बारीकी से काम किया जाता है. इस कारीगरी के लिए टिश्यू, साटन, वेल्वेट, और जूट के कपड़ों का उपयोग किया जाता है, जिससे इन फ्रेम्स को एक खास और आकर्षक लुक मिलता है.
समूह में काम करने वाली महिलाएं देती हैं आकार
भोपाल के “राग भोपाली” स्टोर की कर्मचारी ऋतु वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि यह फ्रेम पूरी तरह से समूह में काम करने वाली महिलाओं द्वारा तैयार किया जाता है. इसमें 4 से 5 महिलाएं एक साथ मिलकर काम करती हैं और एक फ्रेम को तैयार करने में करीब 3 से 4 दिन का समय लगता है. यह काम न केवल बारीकी और धैर्य की मांग करता है, बल्कि इसके जरिए इन महिलाओं को रोजगार का एक सशक्त जरिया भी मिलता है.
वित्त मंत्री की पसंद: एक नजर में दिल जीत लिया
ऋतु ने बताया कि जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आखिरी बार भोपाल के दौरे पर आई थीं, तब उन्हें इस जरी-जरदोजी फ्रेम ने पहली नजर में ही मोहित कर लिया था. इस कला की आकर्षक और अनोखी डिजाइन ने वित्त मंत्री का ध्यान खींचा, और उन्होंने तुरंत इसकी खरीदारी की. इसके बाद से, यह फ्रेम और भी अधिक लोकप्रिय हो गया और इसे खरीदने के लिए भोपालवासियों के साथ-साथ अन्य शहरों से आए लोग भी उत्साहित रहते हैं.
फ्रेम की कीमत और मांग
जरी-जरदोजी से सजी इस खूबसूरत फ्रेम की कीमत लगभग 4000 रुपये है. यह फ्रेम न केवल भोपाल के निवासियों के बीच लोकप्रिय है, बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटक भी इसे खरीदना पसंद करते हैं. कई पर्यटक इस कला को अपनी यात्रा के एक यादगार उपहार के रूप में चुनते हैं. इन फ्रेम्स की खूबसूरती और शिल्पकारों की मेहनत इसे इतना खास बना देती है कि लोग इसे अपने घरों की दीवारों की शोभा बढ़ाने के लिए खासतौर पर खरीदते हैं.
भोपाल का खास तोहफा
भोपाल का यह जरी-जरदोजी फ्रेम शहर की कला और शिल्प के प्रतीक के रूप में उभर रहा है. यहां के कारीगरों की मेहनत और इस पारंपरिक कला के प्रति उनका समर्पण इसे और भी खास बना देता है. यह न केवल एक सजावटी वस्तु है, बल्कि इसे बनाने वाली महिलाओं के लिए रोजगार का एक मजबूत जरिया भी है. इस कारीगरी का जादू इतना है कि लोग इसे देख कर इसके दीवाने हो जाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस कला से मोहित हो गई थीं.
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FIRST PUBLISHED :
October 20, 2024, 18:01 IST