शाहजहांपुर : नवंबर का महीना रबी की फसलों की बुवाई के लिए उपयुक्त माना जाता है. किसान इन दिनों गेहूं के अलावा दलहन की मुख्य फसल मटर की भी फसल उगाते हैं. किसान हरी मटर बेचकर कम दिनों में अच्छा मुनाफा पा सकते हैं, तो कई किसान मटर को पकाने के बाद तुड़ाई करते हैं. मटर की फसल में बेहद कम लागत से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सकता है, लेकिन जरूरी है कि किसान मटर की फसल की बुवाई के समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात पादप सुरक्षा रोग की एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि मटर की फसल से किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है. लेकिन जरूरी है कि किसान मटर की फसल की बुवाई के वक्त ही कुछ जरूरी उपाय कर लें, क्योंकि मटर की फसल में उकठा रोग लगता है. जिससे कई बार धीरे-धीरे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों को अपनी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है. जरूरी है कि किसान मटर की फसल की बुवाई मृदा शोधन करने के साथ-साथ बीज उपचारित करने के बाद ही करें. इसके अलावा कोशिश करें कि मटर की फसल की बुवाई बेड बनाकर या फिर कूड़ बनाकर मेड के ऊपरी सिरे पर लगाएं.
गोबर से करें ये काम
उकठा रोग मिट्टी में मौजूद फफूंदी के कारण फैलता है. जिसमें पौधे जड़ से सुख जाते हैं. जरूरी है कि किसान बुवाई करने से पहले मृदा शोध करें. मृदा शोध करने के लिए 2 किलोग्राम ट्राईकोडर्मा को 35 से 40 किलो गोबर की सड़ी हुई खाद में मिलाकर 10 दिन तक छायादार स्थान पर रखें. उसके बाद तैयार हुए पूरे मिश्रण को पूरे खेत में बिखेर कर मटर की फसल की बुवाई कर दें.
कैसे करें बीज का उपचार?
किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले बीज उपचारित करना एक अहम क्रिया है. वहीं दलहन की फसल मटर की बुवाई करते समय भी किसानों को भी उपचारित करना चाहिए. बीज उपचारित करने के लिए किसान 2.5 ग्राम कार्बेंडाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा किसान 1 ग्राम कार्बेंडाजिम और 2 ग्राम थीरम को मिलकर भी बीज उपचारित कर सकते हैं. उपचारित बीज को उपचारित भूमि में बुवाई करने से उकठा रोग नहीं लगता बीज का जमाव भी बेहतर होता है.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi
FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 17:19 IST