नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में “क्विक कॉमर्स” को एक अनोखा इनोवेशन बताया है. उन्होंने कहा कि इनकी मदद से भारत को दुनिया के सामने इनोवेटिव सॉल्यूशन देने वाले देश के रूप में प्रचारित किया जा सकता है. उन्होंने 22 नवंबर को एक कार्यक्रम में इन प्लेटफॉर्म्स को पारंपरिक किराना दुकानों के लिए चुनौती भी बताया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह देश के लिए एक बड़ा अवसर हैं.
वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि मिनटों में उत्पादों की डिलीवरी करने वाले आधुनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे Blinkit, Instamart, Zepto और BigBasket ने किराना दुकानों पर प्रभाव डाला है. एक हालिया सर्वे के अनुसार, 2024 में करीब $1.28 बिलियन की बिक्री पारंपरिक किराना दुकानों से क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर स्थानांतरित होने का अनुमान है. सर्वे में यह भी बताया गया कि 67 प्रतिशत किराना दुकानों ने इन प्लेटफार्मों के कारण अपनी बिक्री में गिरावट दर्ज की है.
सरकार की ओर से समर्थन की जरूरत
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में ई-कॉमर्स का विकास हो रहा है लेकिन सरकार को पारंपरिक खुदरा व्यापारियों की मदद करनी चाहिए और उन्हें सहारा देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि क्विक कॉमर्स मॉडल को भारत को एक इनोवेटिव सॉल्यूशन प्रदान करने वाले देश के रूप में प्रस्तुत करने का एक अवसर है. दूसरी ओर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी हाल ही में ई-कॉमर्स कंपनियों से भारतीय कानून का सम्मान करने का आह्वान किया, खासकर एफडीआई के नियमों के संदर्भ में.
फेडरल रेगुलेशन और व्यापार संघों की चिंता
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने एक व्हाइट पेपर जारी किया जिसमें क्विक कॉमर्स प्लेटफार्मों को किराना दुकानों के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया गया. व्यापार संघ ने इन प्लेटफार्मों पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) नियमों का दुरुपयोग करने और अपने संचालन घाटे को कवर करने के लिए गहरे डिस्काउंट्स देने का आरोप लगाया. कुल मिलाकर, सीतारमण के बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार इन नवाचारों को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन पारंपरिक व्यापारियों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा.
FIRST PUBLISHED :
November 22, 2024, 22:44 IST