मुंबई/रांची. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गिनती शनिवार सुबह आठ बजे से शुरू होगी. महाराष्ट्र में जहां सभी की निगाहें सत्तारूढ़ भाजपा नीत महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबले के नतीजे पर टिकी हैं. वहीं, 23 नवंबर को आने वाले नतीजे यह तय करेंगे कि झारखंड में अगली सरकार भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाएगा या झामुमो की अगुवाई वाला गठबंधन एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा.
महाराष्ट्र की बात करें, तो शनिवार को मतों की गिनती के लिए कुल 288 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के लिए भी एक केंद्र शामिल है. एक अधिकारी ने बताया कि कुल 288 मतगणना पर्यवेक्षक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की निगरानी करेंगे, जबकि नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव में मतगणना की निगरानी के लिए दो पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है.
अधिकारी ने बताया कि डाक मतपत्रों की अधिक संख्या के कारण सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुचारू मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए डाक मतपत्रों की गिनती के वास्ते 1,732 टेबल और इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) के लिए 592 टेबल स्थापित किए गए हैं.
महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी ने 149 विधानसभा सीटों पर, शिवसेना ने 81 सीटों पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 59 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे थे. विपक्ष के एमवीए गठबंधन में, कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (उबाठा) ने 95 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार खड़े किए.
बहुजन समाज पार्टी एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसी पार्टियों ने भी चुनाव लड़ा, जिसमें बसपा ने 237 उम्मीदवार और एआईएमआईएम ने 17 उम्मीदवार खड़े किये. राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस साल 4,136 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जबकि 2019 के चुनावों में 3,239 उम्मीदवार मैदान में थे.
इन उम्मीदवारों में 2,086 निर्दलीय हैं. 150 से ज्यादा सीटों पर बागी उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें महायुति और एमवीए के उम्मीदवार अपनी पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. महाराष्ट्र में इस बार 1,00,186 मतदान केंद्र थे, जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में 96,654 मतदान केंद्र थे.
झारखंड: मतगणना के बाद के समीकरण साधने की तैयारी
वहीं, झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद शनिवार को होने वाली मतगणना के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और राजनीतिक नेताओं और पार्टियों को उत्सुकता से परिणामों का इंतजार है. 23 नवंबर को आने वाले नतीजे यह तय करेंगे कि झारखंड में अगली सरकार भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाएगा या झामुमो की अगुवाई वाला गठबंधन एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा. डाक मतपत्रों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होगी तथा रुझान सुबह नौ बजे तक आने शुरू हो जाएंगे. इस बार मतदान रिकॉर्ड 67.74 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो 15 नवंबर 2000 को राज्य के गठन के बाद से सबसे अधिक है.
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने 22 नवंबर को कहा, “23 नवंबर को होने वाली मतगणना के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. सभी मतगणना केंद्रों पर मतगणना के व्यापक प्रबंध किए गए हैं और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग से पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं. डाक मतपत्रों की निष्पक्ष गणना सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक टेबल का नेतृत्व एक एआरओ करेंगे.” अधिकारी ने बताया, “डाक मतपत्रों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होगी और रुझान सुबह नौ से सवा नौ बजे तक आने शुरू हो जाएंगे.”
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 24:00 IST