Agency:News18 Bihar
Last Updated:January 31, 2025, 14:03 IST
महाकुंभ में मंगलवार की देर रात मौनी अमावस्या की रात अचानक भीड़ बेकाबू हुई और संगम किनारे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ की असली वजह क्या थी, इसको लेकर बिहार के युवकों ने सारी जानकारी दी, जो वहां मौनी अमावस्या पर मौजूद थ...और पढ़ें
आरा से गए प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कैसे हुई थी महाकुंभ में भगदड़ क्या था कारण
हाइलाइट्स
- महाकुंभ में भगदड़ से कई श्रद्धालु घायल हुए.
- भीड़ बेकाबू होने से भगदड़ मची, कई लोग अपनों से बिछड़े.
- प्रयागराज स्टेशन पर भी भारी भीड़, ट्रेन पकड़ने में दिक्कत.
भोजपुर:- प्रयागराज में लगे महाकुंभ में भगदड़ को लेकर काफी चर्चा हो रही है. इस भगदड़ में बिहार के कई श्रद्धालु भी शामिल थे. आखिर भगदड़ के समय वहां का माहौल क्या था, इसको लेकर आरा के चार युवकों ने खास जानकारी दी. आरा के रहने वाले चार युवकों का ग्रुप मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में स्नान करने गया था, जहां उनके सामने ही भगदड़ हुई और लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे. महाकुंभ में गए इन युवकों ने आंखों देखा भयावह मंजर बयां किया.
महाकुंभ में मंगलवार की देर रात मौनी अमावस्या की रात अचानक भीड़ बेकाबू हुई और संगम किनारे भगदड़ मच गई. इसमें कई लोग की जान चली गई और कई लोग अपनों से बिछड़कर भूल गए. इस बीच आरा के रहने वाले उज्जवल कुंदन रिशु और एक अन्य साथी महाकुंभ में स्नान करने के लिए गए हुए थे. इन लोगों के द्वारा बताया गया कि हमलोग 12 बजे रात में वहां पांच घण्टा पैदल चलकर पहुंचे. थोड़ी देर इंतजार किया और उसके बाद स्नान करने की सोच ही रहे थे कि अचानक हंगामा होने लगा और लोग भीड़ में इधर-उधर भागने लगे. वहां किसी भी तरह का कोई अफवाह नहीं हुआ था.
क्यों हुआ भगदड़ ?
उज्ज्वल सिंह ने लोकल 18 को बताया कि भीड़ ज्यादा हो गई थी, इस वजह से भगदड़ हुई थी. मौनी अमावस्या में स्नान करने के लिए बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहले से घाट पर पहुंचकर 12 बजने का इंतजार कर रहे थे. 12 बजे के बाद तारीख बदलते ही वो लोग स्नान करने की प्लानिंग में थे. वहीं इतनी ही भीड़ 12 बजते ही कहीं और से मेले में आ गई. ये लोग रेलवे स्टेशन से थे, तो कुछ मेला से बाहर इंतजार कर रहे थे, वो लोग थे. जब बाहर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकाएक अंदर आए, तो भीड़ बेकाबू हो गई. उसी समय भगदड़ हुआ और हम लोग जैसे-तैसे जान बचाकर सुरक्षित स्थान की ओर भागे. लेकिन हम लोगों का साथ उस भीड़ में छूट गया, जिसके बाद हमलोग अलाउंस करवाए, तब वो हमारे पास आ गए. भागने के चक्कर मे मेरे पैर पर भी कई लोग चढ़ गए, उसमें मेरे पैर में मोच आ गया.
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दूसरी लड़ाई ट्रेन और स्टेशन
जैसे-तैसे भीड़ और भगदड़ से जान बचाकर हमलोग वहां से निकले, तो हमारी दूसरी लड़ाई ट्रेन और स्टेशन पर हुई. प्रयागराज स्टेशन पहुंचने के बाद वहां इतनी भीड़ थी कि किसी स्टेशन पर हमलोग इतनी भीड़ कभी नहीं देखे. रिशु सिंह और कुंदन ने Local 18 को बताया कि प्रयागराज स्टेशन पर 5 घण्टे इंतजार और पांच ट्रेन को हमलोग छोड़े, तब छठवें ट्रेन में बैठे. पूरी रात और पूरे दिन जगने के बाद सकुशल हमलोग अपने घर पहुंचे.
First Published :
January 31, 2025, 14:03 IST