अस्पताल में मन्नत करता हुआ बेटा
बाड़मेर. पश्चिम राजस्थान के सरहदी जिला अस्पताल की एमसीएच विंग में महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. एक दिन पहले महिला मरीज को मोलर प्रेगनेंसी की शिकायत पर भर्ती किया गया था. मौत के बाद शव के पास बेटे का रो रोकर बुरा हाल हो गया है. बेटे ने कहा कि उसने मां को बचाने के लिए खूब मिन्नतें मांगी, लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी और मेरी मां की मौत हो गई.
चौहटन के गोहड़ का तला निवासी 50 वर्षीय दरिया कंवर पत्नी किशनसिंह को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद भर्ती कर दिया. महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और चिकित्सकों ने जांच में डीएनसी के लिए लिखा था. इस बीच इंजेक्शन लगाने के बाद तबीयत बिगड़ी और महिला की मौत हो गई. सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सक व पीएमओ मौके पर पहुंच गए.
इसके बाद शव बाड़मेर के राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया, जहां परिजनों के विरोध प्रदर्शन के बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम हुआ है. पूरे प्रकरण की जांच के लिए पांच सदस्यीय चिकित्सकों की एक जांच कमेटी गठित की गई है. इधर, पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली थाने में परिवाद दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मृतका दरियाकंवर के बेटे नखतसिंह ने लोकल18 से बातचीत करते हुए बताया कि काफी समय से मां का इलाज चल रहा है. एक माह पहले जांच करवाई थी. शुक्रवार को तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल लेकर आए. यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद घर भेज दिया. शनिवार फिर तबीयत बिगड़ गई तो दुबारा अस्पताल आए. यहां चिकित्सक ने भर्ती कर दिया, लेकिन उपचार शुरू नहीं किया. सांस की दिक्कत हो गई. मां को बचाने के लिए खूब मिन्नतें मांगी, लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी और मेरी मां की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि स्टाफ मुझे एक घंटे तक गुमराह करते रहे. जब तबीयत बिगड़ी तो एक इंजेक्शन लगाया और मां की तबीयत और बिगड़ गई. जब मैंने पूछा कि मां को क्या हो गया है, तब मुझे अंदर नहीं आने दिया और कहा कि जांच करवाकर ले आओ. जब जांच की मनाही हुई तो कहा कि ब्लड लेकर आओ. इसके बाद जब वापस पहुचंता हूं तो बोलते हैं कि खूब कोशिश की गई, लेकिन बचा नहीं पाए.
बेटे ने कहा कि सब कुछ सामान्य था, लेकिन डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ की अनदेखी से मां की मौत हुई है. इस दौरान बुजुर्ग पति व बेटा फूट-फूटकर रोने लगा. परिजनों ने सांत्वना देकर शांत करवाया और शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.
पूरे मामले को लेकर बाड़मेर जिला अस्पताल अधीक्षक ड़ॉ बीएल मंसुरिया ने लोकल18 से बातचीत करते हुए कहा कि मोलर प्रेग्नेंसी मरीज के इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मरीज को डीएनसी के लिए तैयार किया गया. इसके बाद बच्चेदानी का मुंह खुलने के लिए नॉर्मल एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाया गया था. इस बीच बीपी डाउन होने से कोलेप्स हो गई और मरीज की मौत हो गई थी.
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FIRST PUBLISHED :
September 22, 2024, 18:29 IST