Magh Saptami 2025: हर साल माह माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को माघ सप्तमी का व्रत रखा जाता है। इसे रथ सप्तमी, अचला सप्तमी, विधान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। माघ सप्तमी के दिन व्रत कर भगवान सूर्य देव की उपासना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ निरोगी शरीर और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ सप्तमी के दिन सूर्य देव ने अपने प्रकाश से पूरे जगत को प्रकाशित किया था। इसी दिन सूर्य देव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे। तो आइए जानते हैं कि माघ सप्तमी के दिन सूर्य को जल कैसे अर्पित करना चाहिए और अर्घ्य देते समय कौनसे मंत्रों का जाप करना चाहिए।
सूर्य देव को जल में क्या डालकर चढ़ाना चाहिए?
सूर्य देव को जल चढ़ाने से पहले लोटे में अक्षत, रोली, फूल डाल दें। उसके बाद सूर्य भगवान को जल अर्पित करें। कहते हैं कि ये सब चीजें जल में मिलाकर भगवान भास्कर को चढ़ाने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। साथ ही रोगों से छुटकारा मिलता है। वहीं सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे के लोटे का ही इस्तेमाल करें।
सूर्य देव को जल चढ़ाते समय करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ सूर्याय नम:
- ऊं आदित्य नम:
- ॐ भास्कराय नमः
- ऊं घृणि सूर्याय नमः
रथ सप्तमी का महत्व
यह दिन सूर्य देव को समर्पित है और इस दिन उनकी पूजा की जाती है। सूर्य नारायण की कृपा से जीवन में संपन्नता, धन-वैभव, ख्याती, अपार सफलता आदि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शास्त्रों में सूर्य देव को जगत की आत्मा कहा गया है इसी के साथ ज्योतिष शास्त्र में यह ग्रहों के राजा हैं। अतः इनके आशीर्वाद से राज सुख की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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