मौनी अमावस्या पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, करें ये उपाय, नहीं लगेगा पितृ दोष

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Agency:News18 Bihar

Last Updated:January 27, 2025, 09:37 IST

Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है. मौनी अमावस्या पर कुछ उपाय करने से पितृ दोष समाप्त हो जाता है. मौनी अमावस्या पर पूर्णिया के ज्योतिष कुछ उपाय बता रहे हैं. आइए जानते हैं.

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मौनी अमावस्या पर करें ये उपाय, जीवनभर पितृ दोष समाप्त, जस्ने रूट और समय

हाइलाइट्स

  • मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी.
  • काले तिल और गुड़ के लड्डू बांटने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
  • तर्पण करने से पितृ दोष समाप्त होता है.

पूर्णिया : सनातन धर्म में मौनी अमावस्या व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन को पितृ दोष शांति और मुक्ति के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. मौनी अमावस्या के दिन किए गए तर्पण और धार्मिक कर्मकांड से पितृ दोष का निवारण होता है.

पूर्णिया के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य बंशीधर झा बताते हैं कि इस वर्ष मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पड़ रही है. इस बार अमावस्या तिथि पर स्वर्ण नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी शुभ और लाभकारी बनाता है.

क्या है मौनी अमावस्या का महत्व?
1.
अमावस्या तिथि पर चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है, जिससे पितृ शांति के लिए यह दिन सर्वोत्तम माना गया है.
2. इस दिन पितरों की शांति के लिए किए गए कर्मकांड अधिक प्रभावशाली और शांतिपूर्ण माने जाते हैं.
3. स्वर्ण नक्षत्र में आने वाली अमावस्या तिथि पर किए गए उपाय पितृ दोष निवारण में विशेष रूप से कारगर होते हैं.

पितृ दोष के लक्षण और प्रभाव
1. पितृ दोष को जीवन का सबसे खराब और नकारात्मक दोष माना गया है.
2. यह दोष कुंडली में अटके हुए कार्यों, परिवार में अनहोनी घटनाओं, और संतान से जुड़ी समस्याओं का कारण बनता है.
3. इसके प्रभाव से परिवार में लगातार समस्याएं और बाधाएं बनी रहती हैं.

मौनी अमावस्या पर अपनाएं ये उपाय
आचार्य बंशीधर झा बताते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन पितृ दोष निवारण के लिए निम्न उपाय करें:

तर्पण करें:
– किसी नदी, तालाब या घर में ही काले तिल और जल का मिश्रण बनाकर तर्पण करें.
– तर्पण के समय अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक याद करें.

दान करें:
– काले तिल और गुड़ से बने लड्डू बनाएं और जरूरतमंदों में बांटें.
– यह उपाय पितृ दोष को शांत करने में सहायक होता है.

– 29 जनवरी को सुबह 11 बजे के बाद का समय तर्पण और पितृ शांति के लिए शुभ माना गया है.
– इस दिन मौन रहकर ध्यान करें और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें.

पितृ दोष को न करें नजरअंदाज
आचार्य झा ने बताया कि कुछ लोग पितृ दोष को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार यह दोष परिवार और खानदान में कई प्रकार की समस्याओं और घटनाओं का कारण बनता है. इससे बचने के लिए मौनी अमावस्या पर विशेष उपाय करना अनिवार्य है.

First Published :

January 27, 2025, 09:37 IST

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