वसुली फार्म नर्सरी, महाराजगंज
महाराजगंज: महाराजगंज जिले के वसूली फॉर्म के पास एक अनोखी पहल देखने को मिल रही है. यहां दस महिलाएं मिलकर खेती कर रही हैं. इस क्षेत्र में महिलाओं ने न केवल खेती का जिम्मा अपने कंधों पर लिया है, बल्कि वे सामूहिक प्रयासों के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी आगे बढ़ रही हैं. इन महिलाओं ने मिलकर एक ऐसा समूह बनाया है, जिसमें वे एक-दूसरे के साथ सहयोग और सामंजस्य के साथ काम कर रही हैं. उनका मुख्य उद्देश्य न केवल अपनी आजीविका को सुधारना है, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी एक सकारात्मक बदलाव लाना है. ये महिलाएं खेतों में शिमला मिर्च, गोभी और अन्य सब्जियों के बीज बोती हैं, जो बाद में यह सब्जियां तैयार होकर बाजार में बिकने के लिए उपलब्ध होती हैं.
पर्यावरण पर भी पड़ता है सकारात्मक प्रभाव
इस पहल की सबसे खास बात यह है कि महिलाएं अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करके एक-दूसरे की मदद कर रही हैं. खेती के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने से लेकर बीज चयन और फसल प्रबंधन तक, सभी कार्यों में वे एक-दूसरे का सहयोग करती हैं. यह सामूहिकता न केवल उनके काम को आसान बनाती है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी प्रदान करती है. खेतों में काम करते समय, इन महिलाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि वे जैविक खेती की विधियों का पालन करें. इससे न केवल फसलों की गुणवत्ता बढ़ती है, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जैविक तरीके अपनाने से उन्हें बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त होता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है.
अधिकारों और क्षमताओं के प्रति जागरूक हो रही महिलाएं
जब फसलें तैयार होती हैं, तो खरीदार खेतों पर आते हैं और खरीदकर ले जाते हैं. इस प्रक्रिया ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दी है. महिलाएं अब अपने उत्पादों की बिक्री से होने वाली आय का उपयोग अपने परिवारों की जरूरतों को पूरा करने और बच्चों की शिक्षा में भी कर रही हैं. स्थानीय समुदाय के लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि यह न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है. महिलाएं अब अपने अधिकारों और क्षमताओं के प्रति जागरूक हो रही हैं और समाज में अपनी पहचान बना रही हैं. महाराजगंज जिले की ये महिलाएं न केवल कृषि क्षेत्र में बदलाव ला रही हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भरता और सामूहिकता का एक नया उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 23, 2024, 15:03 IST