झांसी. जेल के बारे में यह धारणा होती है कि वहां लोगों को सजा काटने के लिए भेजा जाता है. लेकिन, उत्तर प्रदेश के झांसी का जिला जेल उसे एक सुधार गृह के रुप में स्थापित करने का प्रयास कर रहा है. कैदियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. जेल में रह रहे कैदियों को ना सिर्फ हुनरमंद बनाया जा जा रहा है बल्कि आत्मनिर्भरता का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है. झांसी के जिला जेल के कैदियों को यहां शिक्षा देने के साथ ही चित्रकारी भी सिखाई जा रही है. जेल में इसके लिए खास प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
जेल में बंद कैदी सीख रहे चित्रकारी
जिला जेल में बंद 19 से 25 वर्ष के कैदियों को चित्रकारी सिखाई जा रही है. जो कैदी पहले से चित्रकारी जानते थे, उन्हें भी हुनर को तराशने का मौका दिया जा रहा है. वहीं जो कैदी चित्रकारी से जुड़ना चाह रहे हैं, उन्हें भी यह कला सिखाई जा रही है. इसके लिए जेल प्रशासन ने एक खास शिक्षक को नियुक्त किया है. प्रतिदिन 2 घंटे की क्लास चलाई जाती है. कैदियों को चित्र बनाने के लिए सभी जरुरी सामान भी दिए जाते हैं. अच्छा चित्र बनाने वाले कैदियों को पुरस्कृत भी किया जाता है. सजा काटकर बाहर निकलने पर कैदी इस कला को कमाई का जरिया बना सकते हैं.
कैदियों को मिलेगा नया नजरिया
झांसी जिला जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने लोकल 18 को बताया कि जेल में बंद कैदियों को सुधारने के लिए सभी प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्हें शिक्षा देने के साथ ही अन्य हुनर भी सिखाए जा रहे हैं. चित्रकारी मानसिक रुप से भी व्यक्ति को शांत करने का काम करती है. वह उन्हें एक नई तरह से सोचने के लिए मजबूर करती है. जेल में ऐसे ही कई अन्य प्रयोग भी किए जा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED :
October 6, 2024, 20:56 IST