Last Updated:January 31, 2025, 14:58 IST
श्रीगंगानगर में एक महिला ने आत्महत्या करने का प्रयास किया. महिला पचास हजार लोन के बाद सालभर से किए जा रहे टॉर्चर से परेशान हो गई थी.
आज के समय में देश के ज्यादातर बैंक लोगों को लोन की सुविधा देते हैं. इंसान लोन के इंट्रेस्ट रेट के हिसाब से वैसा बैंक चुनता है जो उसे सस्ता लगता है. बैंक से लोन लेने का एक फायदा ये है कि इसमें पैसे चुकाने के सारे नियम पहले ही बता दिए जाते हैं. उसी के हिसाब से इंसान अपनी सुविधानुसार लोन लेता है.
हालांकि, आज भी कई लोग बैंक से लोन लेने की जगह सूदखोरों से पैसे लेते हैं. इसमें ज्यादा पेपर वर्क नहीं होता है. लोग अपने परिचितों से ब्याज पर पैसे ले लेते हैं. इसमें भले ही ज्यादा लफड़ा नहीं होता लेकिन कई बार इसके चक्कर में इंसान बर्बाद हो जाता है. मूल से ज्यादा ब्याज हो जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ श्रीगंगानगर में रहने वाली एक महिला के साथ. पचास हजार लोन लेने का ऐसा अंजाम हुआ कि नौबत सुसाइड तक आ गई.
ये है पूरा मामला
अनूपगढ़ की रहने वाली निरमा सौ फुट रोड पर ब्यूटी पार्लर चलाती है. एक साल पहले पार्लर का सामान खरीदने के लिए उसने उषा सिंधी नामा की महिला से पचास हजार रुपए लिए थे. उषा ने ब्याज पर उसे पैसे दिए थे. रकम चुकाने के लिए सालभर से निरमा उसे महीने के तीस हजार देती रही. लेकिन इसे सिर्फ ब्याज बताकर उषा उससे पैसे ऐंठती रही. इतना ही नहीं, उषा ने निरमा से डेढ़ लाख का सामान भी लिया. लेकिन ये लोन था कि उतर ही नहीं रहा था.
ऐंठा पांच तोला सोना
लोन की रकम खत्म करने के लिए निरमा ने उषा को पांच तोला सोना भी दिया. लेकिन इसके बाद भी उषा ने तीन लाख बकाया रकम जोड़ दिया. जब निरमा ने कहा कि अब उसके पास पैसे नहीं हैं तब उषा ने अपने देवर से उसे और उसके परिवार को जान से मार देने की धमकी दिलवाई. इन सब से परेशान होकर निरमा ने आत्महत्या का प्रयास किया. फिलहाल निरमा का इलाज अस्पताल में चल रहा है जहां उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है. महिला ने पुलिस को अपना बयान दिया है, जिसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
First Published :
January 31, 2025, 14:58 IST