रतन टाटा के सबसे अच्छे दोस्त! दुनिया ने दुत्कारा, उन्हें सड़क से उठा दिल से लगाया

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नई दिल्‍ली :

Ratan Tata Passed Away: भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन हो गया है. कुछ लोगों के लिए रतन टाटा उद्योगपति से ज्‍यादा एक अच्‍छे इंसान थे. उनके दोस्‍तों, परिवार के सदस्‍यों और उनसे मुलाकात कर चुके बहुत से लोगों के पास इस बात का प्रमाण देने वाले हजारों किस्‍से हैं. रतन टाटा को जानवरों से भी हमेशा से ही लगाव रहा, खासतौर पर बहुत से कुत्तों को उन्‍होंने सड़क से उठाकर गले लगाया. कुत्तों से उनका यह लगाव कई मौकों पर सामने आया है. यहां तक की ताज होटल में भी स्‍ट्रीट डॉग की एंट्री पर कोई रोक नहीं है. 

कुछ सालों पहले एक शख्‍स ने मुंबई के ताज होटल और रतन टाटा को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट की थी, जिसमें उन्‍होंने लिखा था कि रतन टाटा ने यह निर्देश दिए हैं कि उनके होटल प्रिमायसेस में कोई जानवर आता है तो उसे अच्छे से ट्रीट किया जाए. ताज होटल में अक्‍सर आप स्‍ट्रीट डॉग्‍स को घूमते देख सकते हैं.

बचपन से रहा है कुत्तों से प्रेम  

सोशल मीडिया पर कुछ वक्‍त पहले रतन टाटा ने अपनी दशकों पुरानी तस्‍वीरें पोस्‍ट की थीं, जिसमें उन्‍होंने अपने भाई के साथ एक पुरानी तस्‍वीर शेयर की थी. ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर में दोनों भाई अपने पालतू कुत्ते को साइकिल पर बैठे कैमरे की ओर देखकर मुस्कुरा रहे थे. उन्‍होंने बताया था कि यह तस्वीर 1945 की थी. 

टाटा समूह आवारा जानवरों की देखभाल में सबसे आगे 

वहीं टाटा संस का हेडक्‍वार्टर बॉम्बे हाउस कई आवारा जानवरों का घर है, जिनकी देखभाल समूह की ओर से की जाती है. 

कुत्तों के प्रेम के कारण ही शांतनु नायडू को रतन टाटा ने अपना सहायक बनाया था. रतन टाटा से नायडू ने अपने पहले स्‍टार्टअप मोटोपॉज के लिए फंडिंग की मांग के सिलसिले में मुलाकात की थी, जो स्‍ट्रीट डॉग्‍स के लिए रिफलेक्टिव कॉलर प्रदान करता था. 

सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते थे रतन टाटा 

वहीं रतन टाटा सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते थे और अपने मजेदार पोस्‍ट के जरिए लोगों का दिल जीत लेते थे. कुछ वक्‍त पहले उन्होंने कुछ ऐसा किया था कि जिसके बाद लोगों ने उनकी जमकर प्रशंसा की थी. रतन टाटा अपने एक पूर्व कर्मचारी से मिलने मुंबई से पुणे पहुंच गए थे. रतन टाटा जिस कर्मचारी से मिलने पहुंचे थे, उनके करीबी ने इस कहानी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर साझा किया था. 

लोग जब सफलता की सीढि़यां चढ़ने लगते हैं तो कल तक साथ खड़ा आदमी भी उन्‍हें दोयम दर्जे का नजर आता है. हालांकि रतन टाटा ऐसे लोगों से लंबी फेहरिस्‍त से बेहद अलग हैं. यही कारण है कि हमसे दूर जाने के बाद भी वो हमारे साथ हैं और लोगों के दिलों में हैं.

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