रतन टाटा ने कैसे भारत के हर तबके तक पहुंचाया इंटरनेशनल पहनावा

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नई दिल्ली. भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में शुमार दिवंगत रतन टाटा ने अपने करियर में 30 से अधिक कंपनियों का संचालन किया और 100 से ज्यादा देशों में अपने व्यापार का विस्तार किया. टाटा समूह का व्यापारिक साम्राज्य खुदरा, इस्पात, कपड़े, आईटी और निर्माण जैसे विविध क्षेत्रों में फैला हुआ था. वे न केवल एक सफल व्यवसायी रहे, बल्कि एक ऐसे लीडर भी थे जिन्होंने अपने समय में कई सामरिक निर्णय लिए, जो भारतीय उद्योग के विकास में मील का पत्थर साबित हुए.

हाल ही में जब रतन टाटा को अंतिम विदाई दी गई, तो उन्हें उनकी अनोखी विरासत के लिए याद किया गया. वे एक सफल व्यवसायी रहे, लेकिन कभी भी अरबपतियों की सूची में नहीं आए. उनकी इस सोच ने उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्थापित किया जो अपने व्यवसाय से अधिक समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को महत्व देता था.

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ज़ारा का भारतीय बाजार में आगमन
स्पेन के प्रसिद्ध फास्ट-फैशन ब्रांड ज़ारा ने 2010 में भारत में कदम रखा, जब देश में मध्यम वर्ग की वृद्धि हो रही थी और मॉल संस्कृति तेजी से विकसित हो रही थी. ज़ारा ने अपने अद्वितीय डिजाइन और बिना विज्ञापन की नीति के जरिए युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रियता हासिल की. इसके पीछे का मुख्य कारण था कि ब्रांड ने भारतीय उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतों और फैशन की सोच को समझा.

जब ज़ारा ने दिल्ली में अपना पहला स्टोर खोला, तो यह न केवल एक व्यावसायिक अवसर था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक परिवर्तन भी था. टाटा समूह ने यह सुनिश्चित किया कि ज़ारा भारतीय संवेदनाओं के अनुरूप एक वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित हो. इसके चलते, ज़ारा ने भारतीय उपभोक्ताओं के बीच एक नई फैशन सोच विकसित की, जिससे लोगों ने फैशन को न केवल एक स्टेटस सिंबल के रूप में, बल्कि एक व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के माध्यम के रूप में भी अपनाया.

ज़ारा ने फैशन को न केवल एक विशेष वर्ग के लिए, बल्कि मध्यम वर्ग के लिए भी सुलभ बना दिया. इसने आधुनिक युवा दर्शकों के लिए अंतरराष्ट्रीय फैशन ट्रेंड्स को घर की दहलीज तक पहुंचाया. टाटा की नेतृत्व क्षमता ने सुनिश्चित किया कि ज़ारा अपने भारतीय स्टोर में स्थानीय सामग्री और डिज़ाइन का इस्तेमाल कर सके, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं के साथ बेहतर संबंध स्थापित हुआ.

जूडियो और वेस्टसाइड
ज़ारा के अलावा, टाटा समूह ने फैशन को और भी अधिक सुलभ बनाने के लिए ज़ूडियो और वेस्टसाइड जैसे अन्य ब्रांड्स का भी विकास किया. वेस्टसाइड को अधिक परिपक्व दर्शकों के लिए तैयार किया गया, जबकि ज़ूडियो ने मध्यम और निम्न-सेगमेंट के दर्शकों के लिए किफायती फैशन उत्पाद पेश किए.

रतन टाटा की दूरदर्शिता ने केवल उनके व्यवसाय को ही नहीं, बल्कि भारतीय फैशन उद्योग को भी नई दिशा दी. उनके प्रयासों से भारत में फैशन का एक नया अध्याय शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने उच्च गुणवत्ता के कपड़ों को किफायती दरों पर उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया. आज, टाटा समूह की फैशन कंपनियां न केवल भारतीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचानी जाती हैं.

उनकी सोच और दृष्टिकोण ने न केवल भारतीय उद्योग को प्रेरित किया है, बल्कि युवा डिजाइनरों और उद्यमियों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है. रतन टाटा का नाम हमेशा उन बिजनेस लीडर्स में लिया जाएगा जिन्होंने भारतीय उद्योग को वैश्विक मानचित्र पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

Tags: Business news, Ratan tata

FIRST PUBLISHED :

October 12, 2024, 20:40 IST

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