Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:February 06, 2025, 21:56 IST
Bhootnath temple successful Rishikesh : भगवान शिव की बारात में देवता, ऋषि, भूत, पिशाच और कई तरह के जीव-जंतु शामिल थे. ये बारात ऋषिकेश के पास एक स्थान पर ठहराई गई, जो बाद में भूतनाथ मंदिर के नाम से मशहूर हो गया.
ऋषिकेश का प्राचीन भूतनाथ मंदिर
हाइलाइट्स
- भूतनाथ मंदिर शिव की रहस्यमयी बारात से जुड़ा है.
- शाम 5 बजे के बाद मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं.
- शिवरात्रि और सावन में यहां विशेष पूजा होती है.
ऋषिकेश. देश में प्राचीन मंदिरों की अपनी अलग मान्यता और पौराणिक गाथा है. इन्हीं में से एक है उत्तराखंड के ऋषिकेश का भूतनाथ मंदिर, जो भगवान शिव की रहस्यमयी बारात से जुड़ा हुआ है. ये मंदिर शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र तो है ही, साथ ही इसके रहस्यमयी वातावरण और मान्यताओं के कारण भी लोग यहां आने से खुद को रोक नहीं पाते. इस मंदिर का खास महत्त्व इसलिए भी है क्योंकि ये शिव बारात के ठहरने का स्थान माना जाता है. कहा जाता है कि उनकी बारात में आए भूत-प्रेत यहीं रुक गए थे और कभी यहां से नहीं लौटे.
मंदिर का इतिहास
लोकल 18 से बात करते हुए यहां के पुजारी माधव लसियाल कहते हैं कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती से विवाह के लिए अपनी बारात लेकर निकले, तो इस बारात में देवता, ऋषि, भूत, पिशाच और कई प्रकार के जीव-जंतु शामिल थे. ये बारात राजा दक्ष के राज्य से होकर गुजर रही थी, उन्होंने इसे ऋषिकेश के पास एक स्थान पर ठहराया, जो बाद में भूतनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हुआ. मान्यता है कि शिव की बारात में आए भूत, प्रेत और पिशाच इसी स्थान पर ठहर गए और शिव के साथ कैलाश नहीं लौटे. इस वजह से ये मंदिर रहस्यमयी शक्तियों से युक्त माना जाता है.
अनोखी परंपरा
भक्त इस मंदिर में दिन के समय दर्शन कर सकते हैं, लेकिन शाम 5 बजे के बाद मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं. मान्यता है कि रात के समय यहां अलौकिक शक्तियों का वास होता है और इस दौरान मंदिर में किसी को रुकने की अनुमति नहीं होती. कई लोगों का दावा है कि उन्होंने यहां रहस्यमयी घटनाओं का अनुभव किया है, जिससे इस मंदिर की पौराणिकता और बढ़ जाती है.
शाम ढलते ही
भूतनाथ मंदिर में शिवरात्रि और सावन के महीने में विशेष पूजा-अर्चना होती है. यहां स्थित शिवलिंग को अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है. भक्त उस पर जल, बेलपत्र और भस्म अर्पित करते हैं. ये मंदिर शिवभक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है. दिन में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन रात होते ही यह स्थान रहस्यमयी वातावरण में ढल जाता है. धार्मिक आस्था, पौराणिक मान्यता और अद्भुत इतिहास के कारण ये मंदिर उत्तराखंड के महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है.
Location :
Rishikesh,Dehradun,Uttarakhand
First Published :
February 06, 2025, 21:56 IST